प्रयागराज। विश्व सिजोफ्रेनिया दिवस 24 मई मनाया गया। इसी के अंतर्गत सिजोफ्रेनिया बीमारी (schizophrenia illness) के प्रति लोगों को जागरूक और सचेत करने के लिए जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रयागराज की टीम के द्वारा प्रयागराज के विनीता हॉस्पिटल (Vinita Hospital) आर.एन इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल्स के छात्र-छात्राओं के साथ सिजोफ्रेनिया दिवस मनाया गया। साथ ही छात्र छात्राओं के द्वारा कई रोचक आयोजन भी किए गए। नुक्कड़ नाटक,पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता से बीमारी के लक्षण के बारे में बताया।
वही ग्रामीण क्षेत्रों में तांत्रिकों के फेर में फंसकर बीमारी को भी बढ़ाने की मनोवृति पर भी नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूक किया गया। वहीं मनोवैज्ञानिक डॉक्टर ईशान्या राज कहती है कि लोग सिजोफ्रेनिया बीमारी को समझें, झाड़-फूंक में समय गंवाने की बजाए रोगी को लेकर मनोचिकित्सक (psychiatrist) के पास जाएं और डाक्टर से उचित परामर्श लेकर उपचार कराएं।
सिजोफ्रेनिया क्या है?- What is schizophrenia?
सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है, जो ज्यादातर 16 साल से लेकर 45 साल की उम्र के लोगों में देखने को मिलती है। इस गंभीर मानसिक बीमारी (mental illness) के कारण युवाओं में आत्महत्या के मामले भी बढ़ते हैं। इस बीमारी में व्यक्ति काल्पनिक और वास्तविक वस्तुओं को समझने में भूल कर बैठता है। परिणामस्वरूप रोगी का वास्तविकता से संबंध टूट जाता है, जिसके कारण उसके सोचने समझने की क्षमता पर असर पड़ता है, और वह जीवन की जिम्मेदारियों को संभालने में असमर्थ रहता है। सही समय पर इलाज और सपोर्ट न मिल पाने की स्थिति में मरीज पागल हो सकता है और मौत भी हो सकती है।
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