लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में ’’वर्ल्ड लंग डे’’ यानि ''विश्व फेफड़ा दिवस’’ मनाया गया। इस वर्ष की थीम ’’केयर फ़ॉर योर लंगस’’ अर्थात ''अपने फेफड़ो की देखभाल करें’’ है।
ज्ञात रहे कि के0जी0एम0यू0 के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की स्थापना सन् 1946 में हुई थी। वर्ष 2021 में इस विभाग की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। विभागाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त ने बताया कि विभाग की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विभाग प्लेटिनम जुबली समारोह की श्रृंखला मना रहा है। इसी कड़ी मेंआज के प्रोग्राम में ओपीडी में आये हुए मरीजों और तीमारदारों को फेफड़ों से संबन्धित बीमारियों की जानकारी एवं तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट व अन्य प्रकार के धूम्रपान न करने की सलाह दी।
आईएमए-एकेडमिक आफ मेडिकल स्पेसलिटीज के नेशनल वायस चेयरमैन, डा0 सूर्यकान्त ने दिल्ली से भेजे गए एक वीडियो के माध्यम से बताया कि आज सम्पूर्ण विश्व की फेफड़े से जुड़ी संस्थायें ’’विश्व फेफड़ा दिवस’’ यानि ’’वर्ल्ड लंग डे’’ मना रही हैं और जनमानस को फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों व उनकों स्वस्थ्य रखने के उपायों के बारे में जानकारी दे रही हैं।
उन्होंने बताया कि फेफड़ों से हमें आक्सीजन मिलती है। अगर हमारे फेफड़े ही खराब हो तो हम जिन्दा कैसे रह पायेंगे? फेफड़े ही हमारे शरीर में प्राण वायु का संचार करते हैं। आज के परिदृश्य में बात करें तो बढ़ते हुए वायु प्रदूषण व धूम्रपान की वजह से अनेको बीमारियां जन्म लेती है। आकड़े कहते हैं कि हमारे देश में लगभग 17 लाख लोगों की मृत्यु प्रतिवर्ष वायु प्रदूषण की वजह से होती है। इन्ही कारणों से फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों की संख्या व उनकी तीव्रता में काफी वृद्धि हुई है, फिर चाहे निमोनिया, टी0बी0, अस्थमा, सीओपीडी हो या चाहे कोविड-19 की ही बीमारी क्यों न हो सब की सब फेफड़ो से जुड़ी हुयी हैं।
उपायों के बारें में चर्चा करते हुये इण्डियन चेस्ट सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त ने कहा कि कोरोना काल में हमनें फेश मास्क लगाना सीखा है।अगर हम नियमित रूप से मास्क लगायें तो कोरोना के साथ-साथ वायु प्रदूषण और अन्य बीमारियों से बच सकते हैं। धूम्रपान भी स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है। लगभग 12 करोड़ लोग धूम्रपान करते है इससे बचना चाहिए।
हमें रेस्पिरेटरी मसल्स और अपने इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए अच्छे खानपान (हरी सब्जियां, फल, पौष्टिक चीजें), प्राणायाम से फेफड़ो का स्टेमिना बढ़ाना, व्यायाम, भाप लेना आदि उपाये करने चाहिए। अगर ये सब सावधानियां हम बरतेंगे तो हमारे फेफड़े स्वस्थ्य रहेंगे, बीमारियां कम से कम होगी और हम सब एक स्वस्थ्य जिन्दगी जी पायेंगे। इस अवसर पर विभाग के डॉक्टर्स डा0 आर0एस0 कुशवाहा, डा0 संतोष कुमार, डा0 अजय कुमार वर्मा, डा0 आनन्द श्रीवास्तव, डा0 दर्शन कुमार बजाज डा0 ज्योति बाजपाई और समस्त रेजिडेंट डाक्टर्स एवं कर्मचारीगणमौजूद रहे।
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