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प्रसव के समय अभिभावकों और नवजात शिशुओं के साथ बुरा बर्ताव, अस्पताल संस्कृति में आम बात: डब्लूएचओ

अध्ययन के अनुसार, मानवाधिकार हनन, प्रसव के दौरान बुनियादी देखभाल और मानवीय बर्ताव, बिना अवगत कराये सिज़ेरियन सर्जरी के लिये प्रसूति कक्ष में ले जाने, और बच्चे के जन्म के उपरान्त, धन ऐंठने के लिये कई दिनों तक माताओं को भर्ती रखे जाने समेत अन्य समस्याएँ हैं।

हे.जा.स.
March 27 2022 Updated: March 27 2022 03:24
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प्रसव के समय अभिभावकों और नवजात शिशुओं के साथ बुरा बर्ताव, अस्पताल संस्कृति में आम बात: डब्लूएचओ प्रतीकात्मक

जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और मानव प्रजनन कार्यक्रम (HRP) का एक नया अध्ययन दर्शाता है कि विश्व भर में महिलाओं को प्रसव के दौरान बुरे बर्ताव का सामना करना पड़ता है, जोकि अस्वीकार्य है। बुधवार को जारी की गई रिपोर्ट, Dignity and respect in maternity care, में मातृत्व देखभाल के लिये महिलाओं की गरिमा व सम्मान पर बल दिया गया है।

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक़, गर्भवती महिलाओं (pregnant women), किशोरवय लड़कियों (adolescent girls), व्यक्तियों और नवजात शिशुओं के साथ बुरा बर्ताव किये जाने की समस्या, दुनिया भर में व्याप्त है। रिपोर्ट बताती है कि प्रसव (labor) के दौरान महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं के साथ किस तरह का बर्ताव किया जाता है। साथ ही, देखभाल को बेहतर बनाने के लिये रास्ता भी सुझाया गया है। 

डब्लूएचओ का कहना है कि महिलाओं को हर जगह अपने अधिकारों के हनन का सामना करना पड़ता है, जिनमें निजता का अधिकार, जानकारी प्रदान किये जाने के बाद प्राप्त सहमति, और प्रसव के दौरान भरोसेमन्द साथी को चुनने का अधिकार है।  

अध्ययन के अनुसार, मानवाधिकार हनन के गम्भीर मामलों में, प्रसव के दौरान बुनियादी देखभाल और मानवीय बर्ताव (humane treatment), बिना अवगत कराये सिज़ेरियन सर्जरी (caesarean surgery) के लिये प्रसूति कक्ष में ले जाने, और बच्चे के जन्म के उपरान्त, धन ऐंठने के लिये कई दिनों तक माताओं को भर्ती रखे जाने समेत अन्य समस्याएँ हैं।  

अध्ययन में ऐसे मामलों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया है, जिसमें रसूख़ और धनी परिवारों के लिये नर्सरी में बच्चों की अदला-बदली की गई, प्रसव के दौरान पिटाई और अपमान किया गया, और जन्म के बाद नवजात शिशु और माताओं को अलग रखा गया।  

भरोसे का अभाव - Lack of trust
अध्ययन के अनुसार, प्रसव के समय अभिभावकों और नवजात शिशुओं के साथ बुरा बर्ताव, अस्पताल संस्कृति (hospital culture) में आम बात है। ऐसा इसलिये भी होता है कि लोगों में मरीज़ों के अधिकारों, लैंगिक भेदभाव (gender discrimination) और सहानुभूतिपूर्ण देखभाल के कौशल के प्रति समझ की कमी या जानकारी नहीं है

इन कारणों से स्वास्थ्य केंद्रों (hospital culture) पर से भरोसा दरकता है, जिससे महिलाओं द्वारा प्रसव से पहले, उसके दौरान और उसके बाद स्वास्थ्य केंद्रों में देखभाल के लिये जाने की सम्भावना कम हो जाती है। इस व्यवहार के कारण महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं (newborns) के स्वास्थ्य-कल्याण के लिये जोखिम पैदा हो जाता है और उनके जीवन के लिये ख़तरा पैदा होने की आशंका बढ़ जाती है। 

देखभाल गुणवत्ता में सुधार - Improve care quality
नई रिपोर्ट में सम्मानजनक मातृत्व देखभाल के लिये सुझाव भी पेश किये गए हैं, जिसे राष्ट्रीय नीतियों, सुविधा केंद्रों में बदलावों और सामुदायिक स्तर पर जागरूकता के ज़रिये निपटा जा सकता है। 

विशेषज्ञों के मुताबिक़ हर किसी को गरिमामय मातृत्व देखभाल (improve care quality) मुहैया कराई जानी अहम है, और किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाना होगा। शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रसव के दौरान बुरे बर्ताव के महिलाओं के अनुभवों को बेहतर ढँग से समझना और स्थिति में सुधार लाना बेहद अहम ह। 

इस विषय में समझ बढ़ाने के लिये, ज़्यादा डेटा एकत्र करने, अनुभवों व उनके सन्दर्भों को समझने और ऐसे अनुभवों के प्रभावों को समग्रता से समझे जाने पर बल दिया गया है। 
 

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