लखनऊ। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत लगातार आगे बढ़ रहा है। संसार में हर पांचवां डॉक्टर भारतीय है। 60 फीसदी जेनेरिक दवाओं का उत्पादन भारत कर रहा है। मौजूदा समय में इंटीग्रेटेड मेडिसिन का दौर आ गया है। इसमें योग, ध्यान अहम है। इन्हें मॉडर्न मेडिसिन के साथ इलाज का हिस्सा बनाने की जरूरत है। इससे मरीज के जल्द ठीक होने की संभावना है। ये सलाह इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने दी।
वे शनिवार को कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में 27वीं वार्षिक कॉन्फ्रेंस कार्डियोकॉन को संबोधित कर रहे थे। महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने तनाव की वजह से तमाम तरह की बीमारियां पनप रही हैं। इस पर योग व ध्यान से काबू पाया जा सकता है। मरीज के इलाज में भी यह मददगार साबित हो सकता है।
भारतीय वॉल्व किफायती
बनारस के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. आलोक कुमार सिंह ने बताया कि दिल के वॉल्व खराब होने परेशानी लगातार बढ़ रही है। पहले चीरा लगाकर खराब वॉल्व बदले जाते थे। अब स्टंट हाथ या जांघ की नस में तार डालकर इंटरवेंशनल तकनीक से वॉल्व बदले जा रहे है। पहले वॉल्व सिर्फ विदेशों से आते थे जो इंटरवेंशनल तकनीक वाले वॉल्व 15 से 20 लाख रुपये तक के होते थे। अब भारत में वॉल्व का निर्माण हो रहा है। जो कि काफी किफायती हैं।
बीमारी का इतिहास पूरा लें
कानपुर के डॉ. हर्ष अग्रवाल ने बताया कि इलाज से पहले मरीज की बीमारी का इतिहास अच्छी तरह से लें। इससे बीमारी की वजह को पकड़ना आसान होगा। इससे काफी हद तक जांच कम करानी पड़ सकती है। इसका असर इलाज के खर्च पर आएगा। प्राइवेट व सरकारी अस्पताल के डॉक्टर दोनों इसे कड़ाई से अपनाएं।
एंजियोग्राफी के बाद भी सजग रहें
मेरठ के डॉ. राजीव अग्रवाल के मुताबिक दिल के मरीज एंजियोप्लास्टी व बाईपास सर्जरी के बाद भी लक्षणों को नजरअंदाज न करें। खासतौर पर डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, गुर्दा रोग व नसों की बीमारी से पीड़ित। ये बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती हैं। इन मरीजों को एंजियोप्लास्टी या फिर बाईपास सर्जरी के बाद खून पतला करने के लिए दवाएं दी जानी चाहिए। ताकि खून की नसों में रूकावट को रोका जा सके।
डॉ. मंसूर को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि लारी कॉर्डियोलॉजी लगातार तरक्की कर रहा है। जल्द ही विभाग में 100 बेड बढ़ेंगे। इसका फायदा मरीजों को मिलेगा। कार्यक्रम में केजीएमयू के लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. मंसूर हसन को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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