लखनऊ। क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) से पीड़ित मरीजों को कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं इसलिए उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत जरूरी है। चूंकि डायबिटीज, हाइपरटेंशन और मोटापा के कारण लंबे समय तक किडनी को नुकसान पहुंचता है और इसी वजह से किडनी को फिर स्वस्थ नहीं किया जा सकता है। |
खराब खानपान और शारीरिक व्यायाम की कमी जैसे मुख्य कारण किडनी संबंधी कई बीमारियां बढ़ाते हैं। मोटापे से भी कई जोखिम जुड़े हैं जिस कारण किडनी में पथरी के ज्यादा होते हैं। प्रोटीन और सोडियम की अधिक मात्रा वाला भोजन ज्यादा एसिडिक यूरीन पैदा कर सकता है और यूरिनरी साइट्रेट में कमी ला सकता है इसलिए इसे भी किडनी पथरी का खतरा बढ़ाने का मुख्य कारण माना जाता है। मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, के यूरोलॉजी रेनल ट्रांसप्लांट के चेयरमैन डॉ. अनंत कुमार ने बताया, देश के उत्तर पश्चिमी (जिसे स्टोन बेल्ट भी कहा जाता है) हिस्से में किडनी की पथरी के मामले बहुत आम हैं। कुछ लोगों में तो बार—बार पथरी हो जाती है। अभी तक कोई ऐसी दवा नहीं बनी है जो किडनी में पथरी को बनने से रोक सके या इसका इलाज कर सके। पथरी निकालने का सबसे उत्तम तरीका सर्जिकल इलाज ही है। आधुनिक चिकित्सा तकनीक में लेजर और विशेष डिजिटल स्कोप की मदद से बिना चीरा या कट लगाए पथरी निकाली जा सकती है।' |
डॉ. अनंत कुमार, यूरोलॉजिस्ट |
किडनी में ट्यूमर सभी तरह के आक्रामक कैंसरों में से एक है जिस कारण सभी तरह के कैंसर में 2—3 फीसदी मामले असाध्य हो जाते हैं। क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) देश की 15—20 फीसदी युवा आबादी को प्रभावित करता है और दुनिया में बीमारियों से होने वाली मौत के शीर्ष 20 कारणों में से एक है। यह ऐसी बीमारी है जो न सिर्फ मरीज को बल्कि उसके पूरे परिवार को प्रभावित करती है और उनकी आर्थिक स्थिति को भी बुरी तरह कमजोर कर देती है। महिलाओं में किडनी रोग के कुछ खास जोखिम होते हैं। किडनी रोग और इससे संबंधी देखभाल से जुड़ी समस्याएं मौजूदा और अगली पीढ़ी तक को बुरी तरह प्रभावित करती हैं। डॉ. अनंत ने कहा, 'आधुनिक रेडियोलॉजी सेवाओं की उपलब्धता बढ़ने के कारण किडनी के ज्यादातर मामलों की शुरुआती चरण में ही पहचान होने लगी है। इसके बाद सही समय पर सर्जरी कराने से मरीज के स्वस्थ होने की दर भी बढ़ जाती है। आजकल सर्जिकल तकनीकों में अत्याधुनिक सर्जिकल रोबोट का इस्तेमाल होता है और यूरोलॉजिस्ट बहुत ही बारीकी से मिनिमली इनवेसिव सर्जिकल तकनीक (रोबोट असिस्टेड पार्शियल नेफ्रेक्टोमी) का इस्तेमाल करते हुए स्वस्थ हिस्से को नुकसान पहुंचाए बिना किडनी के सबसे जटिल ट्यूमर को भी निकाल सकते हैं। अगले दिन से ही मरीज को खाने और टहलने की अनुमति मिल जाती है और सर्जरी के दो दिन बाद ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।' क्रोनिक किडनी फेल्योर से जूझ रहे 2 लाख से अधिक मरीज प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे हैं जबकि हर साल मुश्किल से 5000 प्रत्यारोपण ही हो पाता है। किडनी प्रत्यारोपण की इतनी मांग बढ़ने के पीछे इस क्षेत्र में हुए तरक्की को लेकर जागरूकता का ही अभाव होता है क्योंकि लोग किडनी दान करने को लेकर आशंकित रहते हैं कि इसके बाद वे स्वस्थ रह पाएंगे कि नहीं। उन्होंने कहा, 'किडनी खराब हो जाने की स्थिति में सर्वश्रेष्ठ इलाज किडनी ट्रांसप्लांट ही है जिससे मरीज व्यक्तिगत, सामाजिक और प्रोफेशनल स्तर पर सामान्य जिंदगी जी सकता है। ट्रांसप्लांट करने वाले सर्जन बहुत हुनरमंद शिल्पकार होते हैं जो सुनिश्चित करते हैं कि दान देने वाले व्यक्ति के शरीर से सुरक्षित किडनी निकालकर मरीज के शरीर में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया जाए। हाल के कुछ वर्षों में किडनी प्रत्यारोपण और आॅर्गन सपोर्ट के क्षेत्र में कई तरह की तरक्की हुई है। रोबोट की मदद से रेनल ट्रांसप्लांटेशन अत्यधिक उपयोगी साबित हुआ है क्योंकि इससे शीघ्र स्वास्थ्यलाभ, कम दर्द और बहुत छोटा चीरा लगाया जाता है। पुरानी नियमित ओपन सर्जरी के विपरीत रोबोटिक सर्जरी के लिए बहुत छोटा चीरा लगाया जाता है और इसमें मांसपेशियां नहीं काटी जाती है। सर्जरी के दौरान खून निकलने तथा मानवीय भूल की संभावना भी बहुत कम रहती है।' |
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 2553
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 10767
एस. के. राणा March 06 2025 0 8103
एस. के. राणा March 07 2025 0 7881
एस. के. राणा March 08 2025 0 6882
आयशा खातून March 06 2025 0 5328
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 10767
एस. के. राणा March 06 2025 0 8103
एस. के. राणा March 07 2025 0 7881
एस. के. राणा March 08 2025 0 6882
British Medical Journal February 25 2025 0 5661
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77133
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82415
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80547
admin January 04 2023 0 81486
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71646
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61216
आयशा खातून December 05 2022 0 113331
लेख विभाग November 15 2022 0 84361
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94407
श्वेता सिंह November 07 2022 0 82796
लेख विभाग October 23 2022 0 67799
लेख विभाग October 24 2022 0 69239
लेख विभाग October 22 2022 0 75960
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82569
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77465
FDR Nano स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में रेडियोलाजिस्ट और इससे जुड़े कर्मचारियों को अस्पताल में आसानी से क
मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग आज लगभग हर किसी की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। इसी
योजना से सम्बंधित कोई भी जानकारी फोन पर नहीं मांगी जाती, जैसे- आधार कार्ड नम्बर, सीवीवी या ओटीपी नं
ये गिरोह अब तक भोले-भाले लोगों को किडनी ट्रांसप्लांट का झांसा देकर करोड़ों रूपये की ठगी कर चुके है। फ
सफ़ेद दाग तब होता है, जब मेलानोसाइट्स, त्वचा के रंग के लिए उत्तरदायी कोशिकाएं मर जाती है या प्रक्रिय
हम जानते ही है की वन हमारे लिए बहुत महत्व रखते है। यह मनुष्य और बाकी सारे जीव जंतुओं को प्रकृति का ए
बच्ची जन्म के बाद सांस नहीं ले पा रही थी, जिसके बाद डॉक्टर सुरेखा अपने मुंह से नवजात को तब-तक सांस द
मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है। इसकी जांच करने के लिए पहला स्वदेशी निर्मित आरटी
मौसम परिवर्तन होने के कारण जिला अस्पताल में इलाज और ओपीडी दफ्तर में भारी भीड़ उमड़ रही है। अधिकांश ल
इस कोर्स को Bachlor In Nautropathy and Yoga sciences या शार्ट में BYNS कहतें हैं। यह योग और नेचुरोप
COMMENTS