पुणे। महाराष्ट्र के पुणे शहर में बीते कुछ दिनों से एच1एन1 इंफ्लूएंजा या स्वाइन फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग और लोगों में चिंता का माहौल है। वैज्ञानिकों का कहना है कि स्वाइन फ्लू से बहुत अधिक घबराने की आवश्यकता नहीं है।
आईसीएमआर के तहत काम करने वाले नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ( Virology) के वैज्ञानिकों का कहना है कि पुणे शहर में बढ़ रहे स्वाइन फ्लू के मामलों (swine flu) में बढ़ोतरी केवल एक 'मौसमी समस्या (seasonal predominance) है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि, यह कोविड या सार्स-कोवि-2 संक्रमण की तरह लम्बे समय तक नहीं चलेगा और यह कुछ समय बाद ठीक हो सकता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार ये दोनों वायरस बहुत तेजी से फैलते हैं और एच1एन1 इंफ्लुएंजा संक्रमण अधिक तेजी से फैल रहा है। आईसीएमआर-एनआईवी (ICMR-NIV) की वरिष्ठ वैज्ञानिक वर्षा पोतदार (senior scientist) के अनुसार, कुछ समय बाद स्वाइन फ्लू की पॉजिटिविटी रेट (positivity rate) कोविड की तरह ही धीमी पड़ जाएगी। हालांकि, यह रफ्तार कुछ समय तक बनी रहनी चाहिए।
पुणे शहर में डेंगू के मामलों (Dengue cases) में भी बढ़ोतरी हो रही है। बार-बार हो रही बारिश, प्रदूषण और पीने के साफ पानी की कमी के कारण डेंगू के मच्छरों को पनपने के लिए अनुकूल माहौल मिलता है। इस वजह से डेंगू के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पुणे के महानगरपालिका Municipal Corporation) के अधिकारियों के अनुसार प्रशासन द्वारा स्थिति पर नजर बनी हुई है।
Edited by Shweta Singh
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