लखनऊ। केजीएमयू में प्रदेश का पहला लंग ट्रांसप्लांट सेंटर (Lung Transplant Center) बनेगा। वहीं इससे सूबे के गंभीर मरीजों को लंग्स ट्रांसप्लांट (lungs transplant) के लिए हैदराबाद नहीं जाना पड़ेगा। दरअसल, मौजूदा समय में सिर्फ हैदराबाद में ही फेफड़े के प्रत्यारोपण की सुविधा है। सरकारी संस्थान में शुरू होने से इसके इलाज में ज्यादा पैसे खर्च नहीं होंगे। केजीएमयू (KGMU) के विस्तार के बाद ये संभव हो पा रहा है। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
ट्रॉमा सेंटर के सामने शिक्षा विभाग के जमीन पर केजीएमयू का विस्तार होगा। वहीं इस जमीन पर चार मंजिला टावर बनेगा। दो मंजिल पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (center of excellence) के विभाग स्थापित किए जाएंगे। इसमें नए विभाग खोलने की तैयारी है। यहां जन्मजात बीमारी (congenital disease) से पीड़ित मरीजों को उच्चस्तरीय इलाज मिलेगा।
डॉ बिपिन पुरी ने बताया कि केजीएमयू के विस्तार की वजह से ही लंग ट्रांसप्लांट सेंटर बनाने का सपना सच होने जा रहा है। ये उत्तर भारत का पहला सरकारी संस्थान (government institution) होगा, जहां फेफड़ा प्रत्यारोपण की सुविधा मिलेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की जमीन मिलने से ये संभव हो पाया है। इसके अलावा यहां जन्मजात बीमारी से पीड़ित मरीजों को उच्चस्तरीय इलाज मिलेगा।
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