लखनऊ । पर्यावरण पदूषण के कारण मनुष्य के स्वास्थ्य के समक्ष गम्भीर समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। इन स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के उपचार में होम्योपैथी में अनेक कारगर औषधियॉँ उपलब्ध है। यह विचार केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य एवं वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ अनुरूद्ध वर्मा ने विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर व्यक्त किये।
उन्होंने बताया कि दुनिया के पर्यावरण को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पर्यावरण के प्रदूषित होने के कारण गम्भीर शारीरिक एवं मानसिक समस्यायें पैदा हो रही है जो सामाजिक जीवन को गम्भीर रूप से प्रभावित कर रही है।
डॉ अनुरूद्ध वर्मा
डॉ वर्मा ने बताया कि जल, वायु, ध्वनि, रासायनिक प्रदूषण ने मानव जीवन के समक्ष गंभीर स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ उत्पन कर दी हैं। उन्होंने बताया कि वायु इतनी ज्यादा जहरीली हो गई है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव से फेफड़ों एवँ अन्य कैंसर,आंखों में जलन, खुजली, साँस के रोग, दमा, खाँसी, ब्रांकाइटिस, नाक से पानी आना, छींकें, हार्ट, किडनी,लिवर सम्बन्धी बिमारियां उत्पन्न हो रही हैं।
उन्होंने बताया कि वातावरण मेँ बढ़ते शोर के कारण बहरापन, उच्चरक्तचाप, सिर दर्द, अनिद्रा, नाड़ी का तेज चलना, हार्ट बीट बढ़ना, अनिद्रा, सिरदर्द आदि समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने बताया कि खेती बढ़ते हुये खाद के प्रयोग, केमिकल , फलों एवँ सब्जियों पर प्रयोग किये जाने वाले केमिकल, फैक्ट्रियों से निकलने वाले रासायनिक कचरे के कारण अविकसित बच्चे, बच्चों में पेट दर्द, मिचली, गुर्दे एवँ स्नायु तंत्र की बीमारियाँ, एकाग्रता मेँ कमीं, बेचैनी चिड़चिड़ापन आदि समस्याएं हो सकती है।
उन्होंने बताया कि प्रदूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, गैस्ट्रोएन्टेराइटिस, उल्टी, कोलाइटिस, मियादी बुखार, जॉन्डिस, पेट मे कीड़े, अपच, कब्ज आदि समस्याएँ उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ विश्व स्वास्थ्य संगठन सबको स्वस्थ रहने का प्रयास कर रहा है दूसरी तरफ प्रदूषण सबको बीमार बना रहा है ऐसे मेँ हमे प्रकृति का संतुलित दोहन कर वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखना है जिससे स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके।
उन्होंने बताया की पर्यावरण के प्रदूषण के कारण उत्पन्न होने वाले रोगों रोगों के उपचार में होम्योपैथिक दवाइयाँ पूरी तरह कारगर हैं परंतु यह दवायें केवल प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह से ही लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में हेल्प लाइन नम्बर 6392090088 से संपर्क किया जा सकता है।
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