शिमला। अगर किसी मरीज की खांसी लंबे समय तक बनी रहती है या वे खून के साथ खांसते हैं, तो वह टीबी जांच (TB test) के लिए सलाह देने वाले डॉक्टर की सलाह (doctor advice) लेना चाहिए। इसके अलावा, टीबी के संक्रमण के अन्य लक्षण हो सकते हैं जैसे कि श्वसन में तकलीफ, भूख कमी, वजन कमी, बुखार आदि। अगर कोई मरीज इन लक्षणों से पीड़ित होता है, तो उन्हें भी टीबी जांच की सलाह दी जानी चाहिए। वहीं हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के अस्पतालों में आने वाले खांसी के हर मरीजों की अब ट्यूबरक्लोसिस (TB) रोग की जांच होगी।
स्वास्थ्य अधिकारी (Health officer) डॉ. एके सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि अब सभी खांसी के मरीजों को बलगम का सैंपल देना होगा, जिसकी रिपोर्ट भी कुछ समय बाद ही मरीज को मिल जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी मरीजों (TB Patients) का पता लगाने के लिए इस प्रकार का कदम उठाया है। इससे पहले उन्हीं मरीजों के टीबी के सैंपल लिए जाते थे, जिन्हें ज्याद समय से खांसी के लक्षण होते थे।
बता दें कि केंद्र सरकार (Central government) का भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए 2025 का लक्ष्य रखा है। वहीं प्रदेश ने 2024 का लक्ष्य निर्धारित किया है। लक्ष्य को पाने के लिए महकमे ने गांव स्तर तक टीमों की तैनाती की है। वहीं एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान भी चला हुआ है।
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