लखनऊ। कुपोषण भारत की मूक आपात स्थिति है और मानव विकास की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। कुपोषण बचपन की बीमारियों का कारण बनता है और सीधे बच्चे की शिक्षा को प्रभावित करता है। इसे बचपन से ही रोकना होगा। यह बातें लखनऊ की मण्डलायुक्त डा. रोशन जैकब ने बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था वर्ल्ड विजऩ इंडिया डब्ल्यूवीआई द्वारा आयोजित पोषण अभियान में राज्य स्तरीय पोषण मेले का उदघाटन करते हुए कहीं।
उन्होने कहा जब कोई बच्चा अल्प पोषण (undernutrition) से पीडि़त होता है, तो यह बच्चे की संज्ञानात्मक विकास पर असर डालता है। सरकार इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश को कुपोषण मुक्त (malnutrition free) बना रही है। हमारा लक्ष्य आहार विविधीकरण और संतुलित आहार (balanced diet) को बढ़ावा देने में बाजरा की संभावित भूमिका पर ध्यान केंद्रित करना है और भारत में खाद्य तथा पोषण सुरक्षा (food and nutritional security) की समस्याओं को हल करने में बाजरा का उपयोग करने के लिए आगे का रास्ता सुझाना है।
वर्ल्ड विजऩ इंडिया (World Vision India') का समुदाय आधारित पोषण कार्यक्रम यह सुनिश्चित करता है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे और नवजात शिशु कुपोषण से मुक्त हों। माताओं के लिए जागरूकता कार्यक्रमों और गर्भवती महिलाओं (pregnant women) तथा नई माताओं की नियमित अनुवीक्ष के माध्यम से वर्ल्ड विजऩ इंडिया सबसे संवेदनशील आबादी के मध्य स्टंटिंग और वेस्टिंग को कम करने की सरकार के प्रयासों का समर्थन करता है। यह किशोर लड़कियों और महिलाओं के लिए गर्भधारण (conception) से लेकर दो साल तक लगभग 1000 दिनों के सिद्ध उच्च प्रभाव वाले हस्तक्षेपों के सार्वभौमिक कवरेज द्वारा किया जा रहा है।
वल्र्ड विजऩ इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर क्लेमेंट सोंगटे ने कहा वल्र्ड विजऩ इंडिया डब्ल्यूवीआई ने पोषण अभियान-जन आंदोलन (Poshan Abhiyaan – Jan Andolan) के सहयोग से समुदायों और अन्य हितधारकों को शामिल करते हुए एक राज्य स्तरीय पोषण मेला का आयोजन किया हे। इस एक दिवसीय कार्यक्रम सही पोषण देश रोशन में पोषण एक महीने चलने वाले उत्सव के हिस्से के रूप में बाजरा के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने और इसके व्यंजन पारंपरिक पकाने की विधियों के बारे में संस्था के सदस्यों को सबको जागरुक करने पर बल दिया।
वर्ल्ड विजऩ इंडिया के समुदाय के सदस्यों दादी मां और लीडरों ने व्यंजन पकाने की विधियों का प्रदर्शन किया, जो बाजरा को पारंपरिक से आधुनिक रूप देते हैं। एनीमिया खून की कमी को दूर करने और महिलाओं और बच्चों में स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए बाजरा के सेवन पर जागरूकता संदेश भी साझा किया गया।
वर्ल्ड विजऩ इंडिया ने नागरिक समाज संगठनों और राज्य स्तर पर काम करने वाले व्यक्तियों सहित सभी हितधारकों से राज्य में सभी बच्चों का कल्याण सुनिश्चित करने हेतु कुपोषण को समाप्त करने और बाजरा आधारित आहार को बढ़ावा देने की दिशा में सहयोग करने और काम करने का आग्रह किया। कार्यक्रम में सरकारी अधिकारी और नागरिक समाज संगठनों के सदस्य शामिल थे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डा. रोशन जैकब आईएएस डिवीजनल लखनऊ कमिश्नर, कपिल सिंह आईएएस निदेशक एकीकृत बाल विकास योजना आईसीडीएस, अखिलेश दुबे प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र केवीके लखनऊ, सेराज अहमद संयुक्त निदेशक राज्य पोषण मिशन, सुरेंद्र त्रिपाठी डीपीओ आईसीडीएस लखनऊ और पुनीत मिश्रा एकीकृत बाल संरक्षण योजना आईसीपीएस शामिल थें। लखनऊ उन्नाव, सीतापुर, बाराबंकी हरदोई और रायबरेली जिलों के सामुदायिक प्रतिनिधियों के साथ 100 से अधिक दादी माँ-माताओं-स्तनपान कराने वाली माताओं ने कार्यक्रम में भाग लिया।
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