देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

अलर्ट जारी: बच्चों में मंकीपॉक्स का ज्यादा खतरा

डॉ पियाली भट्टाचार्य ने बताया करीब 19 देशों से आ रही जानकारी के मुताबिक मंकी पॉक्स एक वायरल बीमारी है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह बीमारी किसी जानवर जैसे बंदर से इंसानों में फैल रही है।

हुज़ैफ़ा अबरार
June 02 2022 Updated: June 02 2022 13:19
0 22401
अलर्ट जारी: बच्चों में मंकीपॉक्स का ज्यादा खतरा

लखनऊ। विश्व अभी कोरोना महामारी से उबर भी नहीं पाए थे कि विश्व को एक और महामारी अपनी चपेट में लेने की संभावना जताई जा रही है। वर्तमान में लगभग 19 देशों में फैल चुके रहस्यमय वायरस को लेकर उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट जारी हो चुका है। इस रहस्यमय वायरस को मंकी पॉक्स का नाम दिया गया है। केंद्र से एडवाइजरी मिलने का इंतजार कर रहे यूपी ने दिल्ली से हरी झंडी के बाद यूपी के स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी सभी जिलों के चीफ  मेडिकल ऑफिसर को भेज दिया है।

इन देशों में मिल चुके है केस
वर्तमान में मंकी पॉक्स के मामले यूरोप के देशों में ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। जर्मनी, पुर्तगाल, स्पेन, इटली, स्वीडनए फ्रांस और बेल्जियम में इस के मरीज मिले चुके है। इसके अलावा इंग्लैण्ड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी इससे संक्रमित केस आ चुके है।

मंकी पॉक्स क्या है लखनऊ को कितना प्रभावित करेगा
प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान पीजीआई की सीनियर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ पियाली भट्टाचार्य ने बताया करीब 19 देशों से आ रही जानकारी के मुताबिक मंकी पॉक्स एक वायरल बीमारी है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह बीमारी किसी जानवर जैसे बंदर से इंसानों में फैल रही है। डॉ भट्टाचार्य के अनुसार वल्र्ड हैल्थ आर्गेनाइजेशन डब्ल्यूएचओ की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार 6 मई शुरू होकर अब तक अब तक यह 19 देशों के लोगों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है।

प्रमुख लक्षण
डॉ भट्टाचार्य ने बताया इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, गिल्टियों का आना और त्वचा पर छाले पडऩे या रेशेज जैसी स्थिति होना है।  फिलहाल उत्तर प्रदेश में इस बीमारी के प्रवेश करने की संभावना बहुत कम है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम बेपरवाह होकर लापरवाही पर उतर आएं। इस खतरनाक बीमारी से सतर्कता बहुत जरूरी है।

छोटे बच्चों पर ज्यादा प्रभावी
बाल रोग विशेषज्ञ भट्टाचार्य ने बताया इस बीमारी को लेकर आ रही रिपोर्ट में ऐसा देखा गया है कि बच्चों में यह बीमारी जल्दी असर करती हैं और घातक भी हो सकती है। डाक्टर ने कहा विशेषकर उन बच्चों को इस वायरस से ज्यादा खतरा होगा जिनकी इम्युनिटी कमजोर होगी साथ ही कुपोषित बच्चों में इसके गंभीर परिणाम दिखाई दे सकते हैं। इसलिए हमारी लापरवाही और गैरजिम्मेदारना व्यवहार बच्चों को भारी पड़ सकती है।

कैसी हो तैयारी
सबसे पहले सभी को इस बीमारी को गंभीरता से लेना होगा। हवा-हवाई बात मानकर या फिर यह बीमारी भारत में नहीं आ सकती का हवाला देकर लापरवाही करने वालों पर सख्ती की जाए। वर्तमान में जरूरी है कि सबसे पहले लोगों को मंकी पॉक्स के विषय पर जागरूक किया जाए। विदेश से आने वाले सभी व्यक्तियों पर खास नजर रखी जाए। जल्द से जल्द इसके लक्षण को पहचान कर रोगी को आइसोलेशन में रखना जरूरी है। अगर यह यूपी में फैली तो कोरोना महामारी के दौरान जैसे हमें बड़ी संख्या में आइसोलेशन वार्ड की जरूरत पड़ी वैसी ही जरूरत इस बार भी होगी।  

क्या है घरेलू उपाय
डॉ पियाली भट्टाचार्य ने बताया यदि किसी व्यक्ति में इसके लक्षण दिखाई दें तो सबसे पहले उसको सभी से बिल्कुल अलग कर दें कोई दूसरा बीमार व्यक्ति के सीधे सम्पर्क न आए खासकर 12 से कम उम्र के बच्चे। बीमार व्यक्ति के खानपान पर खास ध्यान दें और साफ -सफाई को लेकर सजग रहें। चाहे टेली मेडिसिन या डॉक्टर के पास फिजिकल जाकर सलाह लें। खुद से दवा देने की गलती न करें। बीमारी और गंभीर हो सकती है।

स्मालपाक्स की वैक्सीन ही कारगर!
डाक्टर भट्टाचार्य ने बताया अभी तक मंकी पॉक्स की अलग से कोई वैक्सीन ईजाद नही हुई है, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो स्माल पॉक्स की वैक्सीन इस पर 80 से 90 फीसदी कारगर है। विश्व भर से स्माल पॉक्स के उन्मूलन के बाद स्माल पॉक्स की वैक्सीन बचाकर अमेरिका के लैबोरेटरी में रखा गया था। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि मंकीपॉक्स के इस दौर में एक बार फिर उसका उपयोग किया जा सकता है।

सबसे पहले कहां मिला मंकी पॉक्स
साल 1958 में यह वायरल इन्फेक्शन बंदरों में पाया गया था। करीब बारह साल बाद इंसानों में पहली बार यह बीमारी 1970 में दिखाई दी। 2017 में नाइजीरिया में मंकी पॉक्स फैला था जिसके 70 से 80 फीसदी मरीज पुरुष थे। यह एक वायरल इन्फेक्शन है, जो ज्यादातर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में पाया जाता है।

मंकी पॉक्स को लेकर सीएमएओ ने जारी किया एलर्ट
मंकी पॉक्स को लेकर लखनऊ के अस्पतालों को एलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। सीएमओ ने सभी अस्पतालों को मंकीपॉक्स को लेकर जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। मंकी पॉक्स के लक्षण वाले मरीजों की जांच करा अलग भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं। सीएमओ डॉ मनोज अग्रवाल ने बताया अभी भारत में मंकी पॉक्स का कोई मरीज सामने नहीं आया है। फिर भी एहतियात बरतने की जरूरत है। मंकी पॉक्स को लेकर सजगता बरतने की जरूरत है। 

उन्होंने बताया मंकी पॉक्स पीडि़तों को बुखार आता है। शरीर में चक्कते पड़ जाते हैं। साथ ही लिम्फ नोड़ जैसे लक्षण मिलते हैं। ये लक्षण दो से चार हफ्ते रहते हैं। कुछ मरीजों की हालत गंभीर हो सकती है। यह वायरस कटी फटी त्वचा, आंख, नाक, मुंह के जरिए शरीर में दाखिल होता है। संक्रमित जानवरों के काटने या फिर खरोचने से भी यह संक्रमण हो सकता है। मंकी पॉक्स के लक्षण चिकनपॉक्स से मिलते-जुलते हैं। शरीर में छाले निकल आते हैं। इनसे पानी का रिसाव होता है। उन्होंने बताया मंकी पॉक्स की जांच छाले के पानी, खून व बलगम की जांच से बीमारी की पहचान की जा सकती है। नमूने को पूणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट स्थित वायरोलॉजी लैब में भेजा जाएगा।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हृदय के वाल्व का ऑपरेशन नए साल से शुरू होगा

अनिल सिंह December 09 2022 23258

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पिछले साल सुपर स्पेशियलिटी सेवा की शुरुआत की गई थी। सुपर स्पेशियलिटी में हृद

उत्तर प्रदेश

कोविड टीकाकरण में यूपी देश में पहले स्थान पर, अब तक 33 करोड़ खुराक दी गई

हुज़ैफ़ा अबरार June 14 2022 13725

स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि हम टीकाकरण में अन्य राज्यों से काफी आगे हैं, लेकिन लोगों में लापरवाही

राष्ट्रीय

देश में कोविड वैक्सीन की एक भी डोज ना लेने वालों का आंकड़ा करोडों के पार

रंजीव ठाकुर July 24 2022 10685

देश में अब तक कोविड वैक्सीन की 200 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं लेकिन ऐसे लोगों की संख्या भी

उत्तर प्रदेश

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अस्पतालों को दिया संबद्धता प्रमाणपत्र

अनिल सिंह November 12 2022 13244

शुक्रवार को पांच अस्पतालों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।  अस्पतालों  के प्रबंधकों ने संस्था को लिखकर

उत्तर प्रदेश

रंग लाई आंदोलन की रणनीति, स्वास्थ्यकर्मियों के स्थानान्तरण नीति पर विराम।

हुज़ैफ़ा अबरार July 12 2021 13061

स्थानान्तरण नीति पर सरकार ने पूर्ण विराम लगा दिया। अब स्वयं के अनुरोध पर ही स्थानान्तरण होगा तथा पद

उत्तर प्रदेश

केजीएमयू के डॉ. शैलेन्द्र ने सांस की नली कटे मरीज़ को दी नयी जिंदगी

हुज़ैफ़ा अबरार August 07 2022 49222

एक पशु को बचाने के चक्कर में 28 वर्षीय युवक तारों की रेलिंग से रगड़ गया था। इससे युवक की खाने और सां

उत्तर प्रदेश

हरदोई: उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने किया अस्पताल का किया निरीक्षण

आरती तिवारी November 15 2022 21116

उत्तर प्रदेश सरकार की उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी आज मेडिकल कॉलेज के अधीन आने वाले जिला अस्प

उत्तर प्रदेश

बच्चों में दृष्टि दोष को कम करने के किये एस्सिलोर ने लॉन्च किया स्टेलेस्ट लेंस

हुज़ैफ़ा अबरार February 03 2023 43842

एस्सिलोर स्टेलेस्ट लेंस बच्चों में मायोपिया की प्रगति से लडऩे में मदद करने के लिए एक नई क्रांति प्रद

उत्तर प्रदेश

निजी अस्पताल के मकड़जाल में फंसते आमजन, अस्पताल में कराया गया नाबालिग का गर्भपात

आरती तिवारी May 22 2023 15463

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये। ऐसे ग

राष्ट्रीय

सीएम धामी ने अस्पताल की किया निरीक्षण

आरती तिवारी September 14 2022 14650

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हो

Login Panel