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जानिए डिप्रेशन के लक्षण, बचाव और इलाज

डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है। यह मरीज को शारीरिक रूप से भी प्रभावित करती है जैसे थकावट, दुबलापन या मोटापा, हार्ट डिसीज़, सर दर्द, अपचन इत्यादि। डिप्रेशन के कारण का पता करने के लिए किसी विशेषज्ञ से बात करना बहुत ज़रूरी है।

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April 01 2022 Updated: April 01 2022 03:30
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जानिए डिप्रेशन के लक्षण, बचाव और इलाज प्रतीकात्मक

हम सभी ने अपनी ज़िन्दगी के किसी ना किसी पड़ाव पर स्वयं को उदास और हताश महसूस किया होगा। असफलता, संघर्ष और किसी अपने से बिछड़ जाने के कारण दुखी होना बहुत ही आम और सामान्य है। परन्तु अगर अप्रसन्नता, दुःख, लाचारी, निराशा जैसी भावनायें कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक बनी रहती है और व्यक्ति को सामान्य रूप से अपनी दिनचर्या जारी रखने में भी असमर्थ बना देती है तब यह डिप्रेशन नामक मानसिक रोग का संकेत हो सकता है।

WHO के अनुसार दुनियाभर में लगभग 30 करोड़ से ज़्यादा लोग इस समस्या से ग्रस्त है, भारत में यह आंकड़ा 5 करोड़ से ज़्यादा है जो कि एक बहुत गंभीर समस्या है। सामान्यतया डिप्रेशन (Depression) किशोरावस्था या 30 से 40 साल की उम्र में शुरू होता है लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं के डिप्रेशन की समस्या से ग्रस्त होने की सम्भावना ज़्यादा होती है। मानसिक कारको (mental factors) के अलावा हार्मोन्स का असंतुलित होना (hormonal imbalance), गर्भावस्था (pregnancy) और अनुवांशिक विकृतियाँ (genetic disorders) भी डिप्रेशन का कारण हो सकती है।

लक्षणों की संख्या और तीव्रता के आधार पर डिप्रेशन के अलग–अलग प्रकार होते है जो कि माध्यम से लेकर बहुत गंभीर भी हो सकते है जिनके सफल ईलाज के लिए गहन परिक्षण ज़रूरी है। अलग–अलग लोगों में डिप्रेशन के अलग–अलग लक्षण होते है जैसे–

  • दिन भर और खासकर सुबह के समय उदासी.
  • लगभग हर दिन थकावट और कमजोरी महसूस करना।
  • स्वयं को अयोग्य या दोषी मानना।
  • एकाग्र रहने तथा फैसले लेने में कठिनाई होना।
  • लगभग हर रोज़ बहुत अधिक या बहुत कम सोना।
  • सारी गतिविधियों में नीरसता आना।
  • बार–बार मृत्यु या आत्महत्या के विचार आना।
  • बैचैनी या आलस्य महसूस होना।
  • अचानक से वजन बढ़ना या कम होना।

अगर किसी व्यक्ति को इनमे से 5 या उससे अधिक लक्षण 2 सप्ताह या उससे ज़्यादा समय तक बने रहते है तो DSM-5 (परिक्षण तकनीक) के अनुसार उसे डिप्रेशन हो सकता है।

डिप्रेशन एक मानसिक समस्या (mental problem) है लेकिन यह मरीज को शारीरिक रूप से भी प्रभावित करती है जैसे थकावट, दुबलापन या मोटापा, हार्ट डिसीज़ (heart disease), सर दर्द, अपचन इत्यादि। इसी कारण कई बार मरीज इन शारीरिक लक्षणों का ईलाज करवाने के लिए भटकते है लेकिन इन लक्षणों की जड़ों में छुपे डिप्रेशन पर ध्यान नहीं जाता। डिप्रेशन के परिक्षण की शुरुआत एक मनोरोग चिकित्सक (psychiatrist) से मुलाकात से होती है। डिप्रेशन के कारण का पता करने के लिए किसी विशेषज्ञ से बात करना बहुत ज़रूरी है।

आजकल डिप्रेशन के लिए कई सारे अलग–अलग ईलाज उपलब्ध है। एक मनोरोग चिकित्सक डिप्रेशन के प्रकार और गंभीरता के आधार पर सही उपाय का चुनाव करता है जैसे–काउंसलिंग, व्यव्हार परिवर्तन, ग्रुप थेरेपी, दवाइयाँ या मिश्रित पद्धति। सही ईलाज के बाद डिप्रेशन के मरीजों में से अधिकांश पूरी तरह ठीक होकर अपनी सामान्य ज़िन्दगी में लौट पाते है।

अगर आपके किसी परिचित या आपको डिप्रेशन है तो आप इस तरह उस व्यक्ति और अपनी सहायता कर सकते है–

  • डिप्रेशन को दूर करने के लिए अच्छे मनोचिकित्सक से परामर्श ज़रूर करना चाहिए।
  • इस समस्या अच्छे से समझने की कोशिश करें और इसके लिए अपने चिकित्सक की सलाह लें।
  • अपने आपको अकेला न रहने दे, दोस्तों के साथ बहार जाएँ, लोगों से मिले जुले, गपशप करे।
  • खुद के लिए अप्राप्य लक्ष्य ना बनाये।
  • सुबह शाम टहलनें जाएँ।
  • अपने आप को काम में व्यस्त रखें।
  • उदासी भरे गानें ना सुने।
  • दिल ही दिल में घुटने की बजाये अपनी बाते किसी विश्वासपात्र या मनोचिकित्सक को ज़रूर बताये।
  • काम को करने के नए तरीके खोजे और नए–नए रास्तो से गुजरें।
  • सकारात्मक बातें पढ़िए और बोलिए।
  • आर्ट ऑफ़ पॉजिटिव लिविंग का फायदा उठाये।
  • योग का सहारा ले और अनुलोम विलोम, प्राणायाम, ध्यान को सीखकर जीवन में उतारे।
  • अगर आपके पास इन्टरनेट है तो सकारात्मक कहानियाँ, विचार और उद्बोधन पढ़ें।
  • रात में सोने के एक घंटे पहले टीवी बंद कर दे क्योकि टीवी में अगर आप कुछ नकारात्मक देखतें है तो वह आपके अन्तर्मन में बना रहता है।
  • यदि आप दुखी है तो भी ऐसा अभिनय कीजिये जैसे आप वास्तव में खुश है। सहकर्मियों के साथ हसना स्वस्थ्य के लिए अच्छा है और जब हम रोते है तो कोई नहीं रोता हसने पर दुनिया साथ में हसने को तैयार हो जाती है।

याद रखे–

  1. डिप्रेशन एक बहुत ही आम लेकिन गंभीर समस्या है जिससे बाहर आने के लिए व्यक्ति को चिकित्सकीय सहायता की ज़रूरत होती है।
  2. डिप्रेशन पागलपन नहीं होता है और डिप्रेशन के अधिकांश मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं
  3. डिप्रेशन के ईलाज के लिए सही जानकारी बहुत ज़रूरी है।
  4. इस समस्या से निजात पाने में चिकित्सक और मरीज के साथ–साथ उसके परिवार और दोस्तों का सहयोग बहुत ज़रूरी होता है।

लेखक - Psychiatry & Clinical Psychology, MMI Narayana Superspeciality Hospital

 

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