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केजीएमयू में सिक लीव मांगने वाले कर्मचारियों की करना होगा मेडिकल बोर्ड का सामना

केजीएमयू में अब बीमारी के नाम पर तीन दिन से अधिक की छुट्टी नहीं मिल सकेगी। इलाज के लिए तीन दिन से अधिक छुट्टी माँगने वालों को मेडिकल बोर्ड का सामना करना पड़ेगा। इस सम्बंध में केजीएमयू के कुलपति की तरफ से आदेश जारी कर दिया है।

हुज़ैफ़ा अबरार
April 23 2022 Updated: April 23 2022 22:53
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केजीएमयू में सिक लीव मांगने वाले कर्मचारियों की करना होगा मेडिकल बोर्ड का सामना प्रतीकात्मक

लखनऊ। केजीएमयू (KGMU) में अब बीमारी के नाम पर तीन दिन से अधिक की छुट्टी नहीं मिल सकेगी। इलाज के लिए तीन दिन से अधिक छुट्टी माँगने वालों को मेडिकल बोर्ड का सामना करना पड़ेगा। इस सम्बंध में केजीएमयू के कुलपति की तरफ से आदेश जारी कर दिया है।

केजीएमयू में 450 से अधिक डॉक्टर हैं। कोविड (Covid) कम होने के साथ ही ओपीडी व भर्ती मरीजों का दबाव बढ़ रहा है। काफी डॉक्टर बीमार होने की बात कहकर सिक लीव (बीमारी की छुट्टी) ले रहे हैं। 

कुलपति डॉ. बिपिन पुरी (Dr. Bipin Puri) ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने 72 घंटे से ज्यादा बीमार होने की छुट्टी के नियमों में बदलाव किया है। 20 अप्रैल को कुलपति ने सभी डीन, विभागाध्क्ष और डॉक्टरों को पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि तीन दिन से अधिक बीमारी की छुट्टी लेने पर मेडिकल बोर्ड का सामना करना पड़ेगा। 

बोर्ड में जिस विभाग के डॉक्टर तैनात हैं उसके चिकित्सक का मेडिकल सार्टिफिकेट (Medical Certificate) स्वीकार्य नहीं होगा। यदि उस विभाग का जरूरी हो तो मेडिकल प्रमाण-पत्र को मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष, सीएमएस से काउंटर साइन कराना होगा। वहीं प्रत्येक सोमवार को बीमारी की छुट्टी लेने वाले डॉक्टरों के प्रार्थना पत्रों की समीक्षा की जाएगी।

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