पुणे। भारतीय वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अगर मुंह के कैंसर के मरीज के 1.5 मिलीलीटर रक्त में 12 से कम कैंसर सेल हैं तो उसके लंबे समय तक जीने की संभावना बढ़ जाती है। 20 से अधिक सेल होने के मायने हैं कि मरीज का कैंसर एडवांस स्टेज में पहुंच चुका है। रक्त में पहुंचे इन कैंसर सेल को सर्क्युलेटिंग ट्यूमर सेल (सीटीसी) कहा जाता है। मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल के डॉ. पंकज चतुर्वेदी, डॉ. जयंत खंदारे और पुणे स्थित एक्टोरियस आंकोडिस्कर टेक्नोलॉजी (Actorius Datascar Technology) नामक कंपनी की टीम ने यह अध्ययन किया है।
500 मरीजों का विश्लेषण
20 से ज्यादा सीटीसी तो एडवांस स्टेज
इस आधार पर निकाला निष्कर्ष
ज्यादा मात्रा में सीटीसी मिलने का मतलब था कि मरीज में नोडल मेटासिस (nodal metasis) शुरू हो चुका है। यानी शरीर के जिस हिस्से में यह कैंसर सबसे पहले पनपना शुरू हुआ था, अब वहां से कैंसर कोशिकाएं ज्यादा मात्रा में टूट कर रक्त के साथ बहते हुए शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुंच रही थीं।
कैसे हो सकती है जांच
जांच के लिए अध्ययन में शामिल कंपनी के ऑन्कोडिस्कवर परीक्षण का उपयोग हुआ। इसे सरकार के जैव-तकनीकी विभाग की वित्तीय सहायता से तैयार किया गया। यह इकलौता सीटीसी परीक्षण है जिसे भारत के औषध महानियंत्रक ने अपने नियमों के तहत प्रमाणित किया है। इसका उपयोग सिर, गले, स्तन, फेफड़े, उदर, रेक्टल आदि कैंसर की जांच में होता है।
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