देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

सर्जिकल साइट इन्फेक्शन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय

सर्जिकल साइट इन्फेक्शन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है । सर्जिकल साइट इन्फेक्शन एक पोस्ट-ऑपरेटिव इन्फेक्शन होता है जो शरीर के उस हिस्से में हो सकता है जिसकी अभी हाल में ही सर्जरी हुई है।

रंजीव ठाकुर
May 29 2022 Updated: May 29 2022 19:47
0 17247
सर्जिकल साइट इन्फेक्शन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय प्रतीकात्मक चित्र

लखनऊ। हर साल 28 मई को हम सेक्सुअल एंड रीप्रोडक्टिव हेल्थ एंड राइट्स के विषय में जागरूकता बढ़ाने तथा इसका समर्थन करने के लिए इंटरनेशनल डे ऑफ एक्शन फॉर विमेन हेल्थ मनाते हैं । भारत के शहरों में विशेष रुप से टियर 2 और टियर 3 शहरों में महिलाओं के लिए उचित गुणवत्तापूर्ण हेल्थ केयर समाधानों की कमी है, इसलिए यह दिन विशेष रूप से हमें इस मुद्दे पर जरूरी कार्यवाही करने के लिए प्रेरित करता है। बच्चे को जन्म देने के दौरान महिलाओं को सर्जिकल साइट इन्फेक्शन विकसित होने का अत्यधिक खतरा रहता है, जिसका मुख्य कारण है असुरक्षित तरीके से सर्जिकल ऑपरेशन करना ।

सर्जिकल साइट इन्फेक्शन (Surgical site infection) महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है । सर्जिकल साइट इन्फेक्शन एक पोस्ट-ऑपरेटिव इन्फेक्शन होता है जो शरीर के उस हिस्से में हो सकता है जिसकी अभी हाल में ही सर्जरी हुई है। कभी-कभी, ये इन्फ़ेक्शन सतही होते हैं, जो मात्र त्वचा की बाहरी परत को प्रभावित करते हैं। अन्य सर्जिकल साइट इन्फेक्शन जो अधिक गंभीर हैं, उनमें त्वचा, अंगों के नीचे टिश्यू या इम्प्लांट की गई सामग्री शामिल हो सकती है । जॉनसन एंड जॉनसन जो कि प्रोफेशनल शिक्षा के क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर है, मातृ रुग्णता और मृत्यु दर को कम करने के लिए लगातार सर्जिकल प्रक्रियाओं में सुधार करने का प्रयास कर रहा है।

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, रोग और मृत्यु दर का एक बड़ा कारण सर्जिकल साइट इन्फेक्शन है । इसके अलावा, यह सर्जरी करा रहे रोगियों के लिए चिकित्सा खर्च को अत्यधिक बढ़ा देता है, क्योंकि सर्जिकल साइट इन्फेक्शन होने के बाद अक्सर लंबे समय तक हॉस्पिटल में रहना पड़ता है, यहां तक कि कुछ मामलों में दोबारा सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। काम पर ना पहुंचने के कारण रोगी पर और भी ज्यादा आर्थिक बोझ आ जाता है।

डॉ.वंदिता गुप्ता, हेड, एथिकॉन वुंड क्लोज़र, जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) मेडिकल इंडिया ने कहा, “ हमारा मानना है कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और मेडटेक कंपनियों के बीच एक मजबूत सहयोग द्वारा हमारे देश में सर्जिकल साईट इन्फ़ेक्शन को रोकने में बड़ा योगदान दिया जा सकता है। जॉनसन एंड जॉनसन हमारे साझेदारों के साथ मिलकर भारत में मरीजों को सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थकेयर इम्प्रूवमेंट के अध्ययन के अनुसार, एंटीबायोटिक दवाओं (antibiotics), एंटी-बैक्टीरियल चिकित्सा उपकरणों और इन्फेक्शन होने की अवस्था में समय पर उसका इलाज करने से लगभग 40 से 60 प्रतिशत तक सर्जिकल साइट इन्फेक्शन के मामलों को रोका जा सकता है।

यह ध्यान रखना जरूरी है कि सर्जिकल साइट इन्फेक्शन को कई कारण प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • ऑपरेटिंग रूम एवं ऑपरेटिंग डिवाइस का स्टेरलाइजेशन, सर्जिकल तकनीक, सर्जरी की अवधि (उन मामलों में इन्फेक्शन का खतरा अधिक होता है जहां सर्जरी का समय 2 घंटे से अधिक होता है), और इन सभी चीजों से संबंधित इकोसिस्टम।
  • मोटापा, धूम्रपान, कमजोर इम्यून सिस्टम जैसी मौजूदा मेडिकल कंडीशन तथा ऐसे लोग जो किसी तरह की आपातकाल सर्जरी करवा चुके हैं या फिर जिन्हें कैंसर या मधुमेह है।

प्रसव प्रक्रिया (delivery process) के दौरान इन्फ़ेक्शन को रोकने के लिए हॉस्पिटल्स को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। इन्फ़ेक्शन को रोकने के लिए हॉस्पिटल्स को 24 से 48 घंटे के भीतर उपाय करने चाहिए जैसे कि स्टेराइल ड्रेसिंग का इस्तेमाल, रोगी की साफ सफाई करने के लिए एंटीसेप्टिक साबुन का इस्तेमाल, मास्क पहनना, सर्जरी के पहले उचित एजेंटों के साथ त्वचा को तैयार करना, तथा स्टेराइल मेडिकल उपकरणों (sterile medical equipment) का इस्तेमाल करना आदि।

डॉ.नीलम गुप्ता, डायरेक्टर,ऑब्सटीट्रिक्स एवं गायनेकोलॉजी (Obstetrics & Gynecology), मेदांता (Medanta), लखनऊ ने कहा, “डबलूएचओ चेकलिस्ट का इस्तेमाल, नाईस के क्रियान्वयन के दिशानिर्देश, सर्जिकल केयर बंडलों, रिस्क स्ट्रेटिफिकेशन टूल्स और मानकीकृत ट्रेनिंग प्रोटोकॉल्स का इस्तेमाल करके एसएसआई को रोकने में काफी मदद मिल सकती है। शिक्षा, एवं सक्रिय सहभागिता द्वारा मूल्यांकन, फीडबैक, सर्वियलेंस एवं अंशधारकों के साथ संलग्न होना भी जरूरी है, ताकि देश के टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी एसएसआई के बारे में जागरुकता बढ़ाई जा सके।”

इंटरनेशनल डे ऑफ एक्शन फॉर विमेन हेल्थ (International Day of Action for Women's Health) के दिन हम महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर यह सुनिश्चित सकते हैं, कि प्रसव की प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित हो एवं शिशु व मां, दोनों स्वस्थ रहें।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

केजीएमयू और लोहिया संस्थान में कोविड नेगेटिव रिपोर्ट के बाद ही भर्ती 

हुज़ैफ़ा अबरार June 10 2022 9367

ओपीडी में इस व्यवस्था लागू कर दिया गया है। कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट के बाद ही मरीज भर्ती किए जा रहे

राष्ट्रीय

चिकित्सा मंत्री ने अधिकारीयों को एक महीने में सभी जनता क्लिनिक शुरू करने के दिए निर्देश

जीतेंद्र कुमार October 21 2022 7608

चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को आगामी एक महीने में सभी जनता क्लिन

सौंदर्य

सर्दियों में चेहरे को चमकदार बनाने के लिए अपनाएं ये टिप्स।

सौंदर्या राय November 16 2021 7254

ठंडी हवाएं स्किन की नमी को सोख लेती हैं जिससे त्‍वचा पर रूखापन आ जाता है। इस रूखेपन को दूर करने के ल

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी 8 अक्टूबर को करेंगे मिशन निरामया अभियान की शुरुआत

अबुज़र शेख़ October 06 2022 9258

इसका लाभ सीधे तौर पर नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं को मिलेगा।  इस मिशन के तहत नर्सिंग व पैराम

उत्तर प्रदेश

अपोलो हॉस्पिटल की सुपरस्पेशलिटी क्लिनिक अब गोमतीनगर में भी, मिलेंगी ये सुविधाएं

रंजीव ठाकुर August 24 2022 7696

अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल के गोमतीनगर में सुपरस्पेशलिटी क्लिनिक का उद्घाटन जल शक्ति व फ्लूड कण्ट्रोल मंत

राष्ट्रीय

कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने वाला मैकेनिज्म विकसित

विशेष संवाददाता June 08 2022 8430

शोधकर्ताओं ने बताया है कि एक प्रकार के आर्टिफिशियल पेप्टाइड्स या मिनीप्रोटीन्स डिजाइन किया है, जो न

उत्तर प्रदेश

चिकित्सक ट्रांसफर प्रकरण में जांच शुरू, कई चिकित्सकों के तबादले निरस्त

रंजीव ठाकुर July 08 2022 10106

उत्तर प्रदेश में चिकित्सकों के स्थानांतरण को लेकर इस महीने की शुरुआत से काफी चर्चाएं हो रही हैं। डॉक

राष्ट्रीय

अब इस जिला अस्पताल में मिलेगा कैंसर का इलाज

हे.जा.स. May 07 2023 9103

डॉ. केपी गुप्ता ने कहा कि जिला अस्पताल रीवा को कैंसर रोग का संभागीय डिपो बना दिया गया है, इसलिए अब

उत्तर प्रदेश

हज हाउस में 255 बिस्तरों का कोविड अस्पताल खुला।

रंजीव ठाकुर May 12 2021 7272

एचएएल-यूपी कोविड अस्पताल के सभी 255 बेड ऑक्सीजन सुविधाओं से सुसज्जित हैं। 130 बेड ऑक्सीजन से लैस हैं

राष्ट्रीय

वैज्ञानिकों ने रिसर्च की कोरोना के इलाज के लिए नई दवा

हे.जा.स. May 09 2023 8766

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च मोहाली, सीएसआईआर-इमटेक चंडीगढ़ और आईआईटी रोपड़ की ओर से

Login Panel