लखनऊ। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल बलरामपुर में जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ है, जहाँ पर लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाता है तथा इस आदत से छुटकारा दिलाने में मदद की जाती है | यह सभी सेवाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं।
प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. राजेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि किसी भी तरह की तंबाकू और उसके उत्पादों का सेवन स्वास्थ्य के लिए न केवल हानिकारक है बल्कि जानलेवा भी है। इसलिए इसका सेवन न करें, क्योंकि इसके सेवन से कैंसर सहित अनेक जानलेवा बीमारियाँ हो सकती हैं।
सआदतगंज निवासी मसूद कहतें हैं।“तंबाकू हमसे है, हम तंबाकू से नहीं”, तंबाकू का सेवन छोड़ दें, यह जीवन के लिए नुकसानदायक हो सकता है। मसूद बताते हैं कि उन्हें लगभग 30 साल से तंबाकू खाने की आदत थी। वह दिन में 20- 25 पैकेट खा लिया करते थे, जिसके कारण उनका मुंह अंदर से कट गया और खाने में दिक्कत होने लगी। इस वजह से उनका पत्नी से झगड़ा भी होता था। इसका इलाज कराने वह जिला अस्पताल बलरामपुर आए, जहां उन्हें तंबाकू उन्मूलन केंद्र में भेजा गया। अब उन्हें तंबाकू छोड़े तीन माह से अधिक हो गए हैं और किसी भी तरह की दिक्कत नहीं है। वह पहले से ज्यादा स्वस्थ महसूस कर रहे हैं।
ऐसी ही कहानी है द्वारिका प्रसाद की। उन्हें भी काफी साल हो गए थे तंबाकू का सेवन करते हुए। उनके मुंह में छाले और कटे के निशान हो गए थे। इस वजह से उन्हें खाने में दिक्कत होने लगी थी। दोस्त की सलाह पर वह बलरामपुर अस्पताल स्थित तंबाकू उन्मूलन केंद्र आए जहां उनका इलाज और काउंसलिंग हुई। अब उनके तंबाकू खाने की आदत छूट चुकी है। वह कहते हैं कि तंबाकू के सेवन से शारीरिक और मानसिक नुकसान तो होता है साथ ही आर्थिक नुकसान भी होता है। पहले तो हम तंबाकू खाने के लिए उसे खरीदने में पैसा खर्च करते हैं, फिर बाद में उसके सेवन से होने वाली बीमारियों के इलाज में। अतः तंबाकू हो या इसका कोई भी अन्य रूप सेवन से बचें। यह हर तरह से हानिकारक है।
तंबाकू उन्मूलन केंद्र की परामर्शदाता डा. रजनीगंधा ने बताया कि केंद्र पर न केवल काउंसलिंग की जाती है बल्कि निःशुल्क दवाएं भी दी जाती हैं| वह न केवल केंद्र पर आने वाले मरीजों का इलाज और काउंसलिंग करती हैं बल्कि वह ओपीडी में भी जाकर वहाँ बैठे लोगों से समूह में चर्चा करती हैं और उन्हें तंबाकू सेवन के दुष्प्रभाव व केंद्र पर दी जाने वाली सेवाओं के बारे में जानकारी देती हैं । जिसका यह परिणाम होता है कि लोग आकर उनसे मिलते हैं। वह स्वयं की या अपने परिवार के सदस्य की तंबाकू की आदत छुड़ाने के बारे में उनसे बात करते हैं तथा इलाज और परामर्श भी लेते हैं। साल 2015 में इस केंद्र की शुरुआत की गई है और तब से अब तक लगभग 20,000 लोगों को इस केंद्र द्वारा सेवाएं दी गई हैं ।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 73470
सौंदर्या राय March 09 2023 0 78641
सौंदर्या राय March 03 2023 0 76662
admin January 04 2023 0 76491
सौंदर्या राय December 27 2022 0 67539
सौंदर्या राय December 08 2022 0 56887
आयशा खातून December 05 2022 0 108336
लेख विभाग November 15 2022 0 80587
श्वेता सिंह November 10 2022 0 85749
श्वेता सिंह November 07 2022 0 78578
लेख विभाग October 23 2022 0 63692
लेख विभाग October 24 2022 0 64799
लेख विभाग October 22 2022 0 71409
श्वेता सिंह October 15 2022 0 78129
श्वेता सिंह October 16 2022 0 73802
देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानि टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के आह्वान के मद्देनजर अब प्रदेश क
एम्स दिल्ली को एक बार फिर से विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके एक मास्टर प्लान सरकार को सौंप
भारत बायोटेक ने कहा कि सभी आपूर्ति के बाद कोवैक्सिन की औसत कीमत 250 रुपये प्रति खुराक से कम है। सरका
वैसे तो स्लिम बॉडी और पतला होने की दवा की, बाजार में भरमार है। लेकिन यह काफी हद तक हमारे शरीर को नुक
टी.बी. का घरेलू उपचार किसी कुशल आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में ही करें।
सरकार द्वारा पहली बार गर्भवती होने पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक द्वारा ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं को निर्धारित सुविधाएं उपलब्ध
प्रदेश में बहुउद्देशीय सहकारी समितियों के तहत सभी 95 ब्लॉकों में जन सुविधा केंद्र एवं जन औषधि केंद्र
कोटा में 'हेपेटाइटिस ए' का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। हॉस्टल में रहनेवाले कोचिंग छात्रों के हेपेटाइटि
कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने समस्त स्टाफ, छात्र-छात्राओं तथा उनके अभिभावकों का शत प्रतिशत
COMMENTS