आपने ये तो सुना होगा कि अच्छा खाना अच्छी सेहत का राज है लेकिन क्या आप जानते हैं कि खाने की कई ऐसी चीजें जो हम रोज खाते हैं वो कैंसर का कारण बन सकती हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक कैंसर से ग्रसित होने के पीछे कारण जेनेटिक हो सकते हैं। इसके अलावा खानपान की वजह से कैंसर के होने का रिस्क बढ़ जाता है।
शरीर में आवश्यक सेल्स के नष्ट होने पर कैंसर का खतरा (risk of cancer) ज्यादा होता है। शरीर में कैंसर (cancer) सेल्स तेजी से कोशिकाओं में बढ़ने लगते हैं और इसी कारण हेल्दी सेल्स का निर्माण नहीं हो पाता है। आइए जानें कैंसर का रिस्क बढ़ाने वाली खानें (foods) की चीजों के बारे में।
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड – Ultra processed food
आज के समय में लोग हेल्दी हरी सब्जियों को छोड़ बाजार में मिलने वाले प्रोसेस्ड फूड को रूटीन का हिस्सा बनाने लगे हैं। कई रिसर्च में सामने आया है कि इन फूड को स्टोर करने के लिए इनमें केमिकल डाले जाते हैं जो शरीर के लिए बेहद घातक होते हैं। डब्ल्यूएचओ ने भी ये माना है कि चिकन, सलामी, सॉसेज जैसे नॉनवेज फूड्स कैंसर का रिस्क बढ़ाते हैं। रिसर्च आधारित पत्रिका ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के नतीजे में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन का सेवन कैंसर जोखिम से जुड़ा है।
डिब्बाबंद अचार - Canned Pickles
व्यावसायिक स्तर पर अचार बनाने के लिए कई तरह के प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल होता है, जैसे नाइट्रेट, नमक और आर्टिफिशियल रंग। इनके ज्यादा सेवन से पाचन तंत्र यानी पेट और कोलोन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
मैदा - Fine flour
चोकर वाला आटा जितना फायदेमंद है, मैदा सेहत के लिए उतना ही खराब है। आटे से मैदा बनाने की प्रक्रिया में कई कार्सिनोजेनिक तत्व निकलते हैं। इसके अलावा मैदे को सफेद रंग देने के लिए उसे क्लोरीन गैस से गुजारा जाता है। ये बहुत खतरनाक और कैंसर की कारक है। डायबिटीज के मरीजों के लिए मैदा और भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है।
सोडा – Soda
इस बारे में सालों से कहा जा रहा है कि सोडा सेहत के लिए कितना खतरनाक है। चीनी, आर्टिफिशियल केमिकल और रंगों की वजह से ये कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। अगर आपको कैफीन लेने की इच्छा हो रही हो, तो सोडा की बजाए हल्की चीनी वाली चाय या कॉफी लेना ज्यादा बेहतर विकल्प है।
माइक्रोवेव पॉपकॉर्न - Microwave popcorn
माइक्रोवेव में बनाया गया पॉपकॉर्न कैंसर की वजह बनता है। क्योंकि माइक्रोवेव में पॉपकॉर्न डालने से परफ्यूरोक्टानोइक एसिड बनता है। ये एक तरह का सिंथेटिक रसायन है जिससे पैंक्रियाज, किडनी, ब्लैडर, लिवर और टेस्टिकुलर कैंसर हो सकता है। पॉपकॉर्न स्नैक का अच्छा विकल्प है, बशर्तें इसे एयर पॉपर में बनाया जाए और लहसुन मिलाकर खाया जाए।
अल्कोहल – Alcohol
शरीर में शराब की बहुतायत से लिवर और किडनी को अतिरिक्त काम करना होता है। कई स्टडीज ये बताती हैं कि ज्यादा मात्रा में शराब पीना मुंह, इसोफेगस, लिवर, कोलोन और रेक्टम कैंसर का खतरा बढ़ा देता है। अब सवाल ये है कि शराब कितनी पीनी चाहिए। शोध कहते हैं कि औरतें रोज एक ड्रिंक और पुरुष रोज 2 ड्रिंक लें, तभी ये सुरक्षित है।
करें ये उपाय – Solution to problem
ये सच है कि इस बीमारी के होने से खुद को बचाया नहीं जा सकता, लेकिन खानपान में बदलाव करके इसके रिस्क को कम जरूर किया जा सकता है। रोजाना हेल्दी रूटीन फॉलो करें और डाइट में एक टाइम हरी सब्जियों का सेवन जरूर करें।
एस. के. राणा March 07 2025 0 21201
एस. के. राणा March 06 2025 0 20979
एस. के. राणा March 08 2025 0 19536
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 18426
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 15096
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 13542
सौंदर्या राय May 06 2023 0 80352
सौंदर्या राय March 09 2023 0 84968
सौंदर्या राय March 03 2023 0 83544
admin January 04 2023 0 85149
सौंदर्या राय December 27 2022 0 74421
सौंदर्या राय December 08 2022 0 64213
आयशा खातून December 05 2022 0 117660
लेख विभाग November 15 2022 0 87358
श्वेता सिंह November 10 2022 0 99957
श्वेता सिंह November 07 2022 0 85793
लेख विभाग October 23 2022 0 70685
लेख विभाग October 24 2022 0 72236
लेख विभाग October 22 2022 0 79512
श्वेता सिंह October 15 2022 0 85788
श्वेता सिंह October 16 2022 0 80462
जब हम पर्याप्त तरल पदार्थ नहीं पीते हैं तो हम डीहाइड्रेशन से पीड़ित हो जाते हैं। अगर समय पर इस स्थित
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक रिकवरी रेट 98.61% है। बीते 24 घंटे में 68 लोगों की मौत हुई। कोविड-19 स
मानकपुर आदमपुर गांव में बड़ी संख्या में लोगों में संदिग्ध बुखार की चपेट में आने की सूचनाएं मिल रही थ
गोमतीनगर निवासी यात्री यूके से दुबई होते हुए मंगलवार को चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पर उतरे। इस दौरान उस
चिकित्सा शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश में हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई विधि
केजीएमयू का तीन दिवसीय वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम रैह्पसोडी - 2022 कन्वेंशन सेन्टर में शुरू हुआ। क
प्रोफेसर अनिल अरोड़ा ने जानकारी देते हुए कहा कि मरीज को खाना निगलने में परेशानी हो रही थी। जांच की त
अधिकारियों के अनुसार करनाल स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चालू वित्त वर्ष में सेक्टर 32 में 10 एकड़ जमीन मे
आमतौर पर प्रयोग होने वाला साल्ट पैरासिटामोल एक साल पहले 650 रुपये किलो मिलता था। अब इसके दाम 1200 रु
नए प्रारूप के तहत रोगियों को उनके स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायता करने के लिए सेवा प्रदाताओं को
COMMENTS