लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों का तबादला करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। विभाग के सचिव प्रांजल यादव ने महानिदेशक से जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी मांगी है।
हेल्थ जागरण ने बताया था कि उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (Uttar Pradesh Medical and Health Department) ने स्वास्थ्य महानिदेशक (Director General of Health) को को निर्देशित किया है कि पैरामेडिकल कर्मचारी नेताओं का तबादला निरस्त किया जाए और दोषियों पर कार्यवाही की जाए।
गौतलब है कि स्वास्थ्यकर्मियों के तबादलों में विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों का भी स्थानांतरण किया गया है। इसमें डिप्लोमा फार्मासिस्ट राजपत्रित अधिकारी एसोसिएशन, चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उप्र. प्रयोगशाला सहायक संघ, टेक्नीशियन एसोसिएशन आदि के पदाधिकारी शामिल हैं। इन संगठनों ने उप मुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) को पत्र सौंप कर बताया था कि 44 पदाधिकारियों के तबादले किए गए हैं।
इसी पत्र के आधार पर सचिव प्रांजल यादव ने स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. लिली सिंह से स्थानांतरण (transfer) के जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी मांगी है। साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव भी शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं। वहीं, उप्र. मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह व महामंत्री कुंवर हीरेश सरन सक्सेना ने मांग की है कि गलत तरीके से किए गए सभी तबादले जल्द रद्द किए जाएं।
प्रांतीय चिकित्सा सेवा ऑफिसर्स (रि०) वेलफेयर एसोसिएशन यूपी (Provincial Medical Service Officers (Retd) Welfare Association, UP) के महामंत्री डॉ आर के सैनी (Dr RK Saini) ने इस प्रकरण पर कहतें हैं कि इस प्रकार के ट्रांसफर सरासर गलत है। लिपिक आदेश मिलने पर पर ही टाइप करते हैं पर मोहर तो अधिकारियों को लगानी होती है। नोटशीट निदेशक प्रशासन और लिपिकों की मिलीभगत से बनाई गई है
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