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गठिया एक गंभीर महामारी।

आर्थराइटिस ना हो इसके लिए सबसे पहले खुद की दिनचर्या में बदलाव लाने की जरूरत है।

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January 15 2021 Updated: January 22 2021 03:59
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गठिया एक गंभीर महामारी। डॉ. संदीप गुप्ता

- डॉ. संदीप गुप्ता,
आर्थोपेडिक सर्जन, अपोलोमेडिक्स  

आर्थराइटिस यानि गठिया, भारत में 180 मिलियन से अधिक लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं। आर्थराइटिस का मतलब वास्तव में जोड़ों में सूजन से  है। आर्थराइटिस के सबसे आम रूप ऑस्टियो आर्थराइटिस, गाउट, फाइब्रोमायल्गिया और रुमेटीइड गठिया हैं जिससे लगभग 15 प्रतिशत लोग प्रभावित हैं। जोड़ों में गठिया के लक्षण दर्द, अकड़न, सूजन, बॉडी मूवमेंट में समस्या आदि है।

वजन सामान्य बनाए रखने से पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के विकास के जोखिम को कम किया जाता है। आर्थराइटिस ना हो इसके लिए सबसे पहले खुद की दिनचर्या में बदलाव लाने की जरूरत है। भावनात्मक रूप से खुद को हेल्थी रखें और स्वस्थ स्वास्थ्य विकल्पों का चयन करें जैसे धूम्रपान, शराब का सेवन ना करें , तनाव से बचे क्यूंकि तनाव नींद के पैटर्न को प्रभावित कर सकता है, भूख को बदल सकता है और मांसपेशियों के तनाव को बढ़ा सकता है इसलिए, अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए अच्छी  नींद लें।

ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटीइड और मस्कुलोस्केलेटल बीमारियों (आरएमडी) वाले लोगों के लिए संतुलित आहार महत्वपूर्ण है। शारीरिक रूप से सक्रिय होना सामान्य स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और आरएमडी आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों के लिए विशिष्ट लाभ हो सकता है। दैनिक व्यवहार में व्यायाम, साइकिल चलाना, नृत्य, चलना, बागवानी, तैराकी, योग आदि शामिल करें तथा ज्यादा परेशानी बढ़ने पर अपने चिकित्सक या फिजियोथेरेपिस्ट से  सलाह लें। हमारा मुख्य उद्देश्य सभी स्तरों पर रोगी की सुरक्षा और देखभाल की गुणवत्ता है।

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