- अंजलि ठाकुर
बायोटेक्नोलॉजी को आमतौर पर ‘बायोटेक’ के नाम से जाना जाता है और यह इंजीनियरिंग करने के इच्छुक उम्मीदवारों के बीच सबसे ज्यादा पसंदीदा कोर्सेज में से एक कोर्स है. बायोटेक्नोलॉजी साइंस की वह ब्रांच है जिसमें बायोलॉजी और टेक्नोलॉजी के आश्चर्यजनक मेल से रॉ मेटीरियल्स को आश्चर्यजनक इनोवेशन्स, डिस्कवरीज और प्रोडक्ट्स में बदला जाता है.
स्टूडेंट्स के लिए बायोटेक्नोलॉजी में स्कोप
भारत में बायोटेक्नोलॉजी ने काफी महत्वपूर्ण जगह बना ली है. इस फील्ड के तहत सभी संभावित फ़ील्ड्स जैसेकि, फार्मास्यूटिकल, फ़ूड मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, एजुकेशन और रिसर्च से संबद्ध कार्य शामिल हो गये हैं. उक्त फ़ील्ड्स के अलावा भी अन्य कई फ़ील्ड्स में बायोटेक्नोलॉजी के योगदान को नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता है. चाहे वह बायोफ़र्टिलाइज़र्स, बायोपेस्टीसाइड्स, ग्रीन रेवोलुशन या आईटी की फ़ील्ड में रेवोलुशन लाने वाली बायोइन्फॉर्मेटिक्स से संबंधित मुद्दे हों, बायोटेक्नोलॉजी भारत के युवा वर्ग के लिए रोज़गार के ढेरों अवसर मुहैया करवा रही है. अब हम उन विभिन्न एरियाज का जिक्र करते हैं जिनमें बायोटेक्नोलॉजी पढ़ने वाले छात्रों के करियर के अभूतपूर्व विकास के लिए काफी संभावनाएं हैं.
सैलरी प्रॉस्पेक्ट्स
मेक इन इंडिया डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत विश्व के टॉप 12 बायोटेक डेस्टिनेशन्स में से एक है और एशिया पेसिफिक में इसका तीसरा रैंक है. इससे पता चलता है कि बायोटेक्नोलॉजी की फील्ड से प्रोफेशनल्स की मांग लगातार बढ़ रही है. भारत में 350 से ज्यादा बायोटेक्नोलॉजिकल कंपनियां हैं और बायोटेक में स्पेशलाइजेशन कोर्स करना अब काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.
यहां इस फील्ड की सैलरी एक्सपेक्टेशन्स पेश की जा रही हैं जिनके बारे में आपको इस फील्ड में अपना करियर शुरु करने से पहले पता होना चाहिए. ये सैलरी एक्सपेक्टेशन्स किसी भी कंपनी में आपके सीनियरटी लेवल के अनुसार अलग-अलग हैं जिनका विवरण नीचे देखें:
लेवल |
सैलरी एक्सपेक्टेशन्स (लाख रु.) |
फ्रेशर्स |
2-3 |
मिड-लेवल |
4-6 |
सीनियर लेवल |
7-10 |
टॉप लेवल |
<10 |
सोर्स: पेस्केल डॉट कॉम
बायोटेक इंजीनियर्स के नौकरी के लिए मशहूर कम्पनियाँ
इंडियन ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन अर्थात आईबीईएफ की सिफारिशों के अनुसार, बायोटेक इंजीनियर्स के करियर के शानदार विकास के लिए निम्नलिखित टॉप 10 फर्म्स विकास के अवसर ऑफर करती हैं:
आईबीईएफ द्वारा लिस्टेड कंपनियों में एग्रीकल्चर, डेरी, केमिकल्स, फार्मास्यूटिकल और अन्य कई फ़ील्ड्स शामिल हैं. ये कंपनियां प्रसिद्ध जॉब प्रोफाइल्स के साथ ही उभरते हुए बायोटेक्नोलॉजिस्ट्स को केवल जॉब्स के बेशुमार अवसर ही नहीं मुहैया करवाती हैं बल्कि, उन्हें विशेष इनोवेशन्स के लिए अवसर भी मुहैया करवाती हैं और ये इनोवेशन्स हमारे आजकल के काम करने के तरीकों में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं.
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कोर्सेज के प्रकार और अवधि
बायोटेक्नोलॉजी एक प्रोमिसिंग कोर्स है जिसके तहत कई कोर्सेज और सिलेबस शामिल किये जा सकते हैं. इस स्ट्रीम में अपना करियर बनाने के इच्छुक कैंडिडेट्स 10 वीं क्लास (इंटरमिडीएट लेवल) की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी यह कोर्स कर सकते हैं. इस कोर्स को पढ़ कर, समझकर और विश्लेषण करके आप काफी अच्छी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. आप इस कोर्स के तहत डॉक्टोरल डिग्री भी प्राप्त कर सकते हैं बशर्ते आप विज्ञान की इस ब्रांच में शामिल विभिन्न बारीकियों और विवरण का पता लगाना चाहते हों.
डिप्लोमा कोर्सेज
बायोटेक्नोलॉजी में डिप्लोमा प्राप्त करने के लिए, छात्र उन कॉलेजों में इस कोर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं जो 10 वीं क्लास पास करने के बाद छात्रों को यह डिप्लोमा कोर्स ऑफर करते हैं. भारत में इस कोर्स की अवधि 3 वर्ष है.
अंडरग्रेजुएट कोर्सेज
जो इंस्टिट्यूट्स और यूनिवर्सिटीज अंडरग्रेजुएट कोर्सेज ऑफर करते हैं, वहां आप बायोटेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन करने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इस अंडरग्रेजुएट कोर्स की अवधि 4 वर्ष है और छात्रों को इस अंडरग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए एक एंट्रेंस एग्जाम पास करना पड़ता है.
पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज
पोस्टग्रेजुएशन के लेवल पर, इस कोर्स को अक्सर बायोटेक्नोलॉजी में एमटेक या बायोटेक्नोलॉजी में एमएससी के नाम से जाना जाता है. यह उस यूनिवर्सिटी या इंस्टिट्यूट पर निर्भर करता है जो कैंडिडेट्स को पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री या डिप्लोमा ऑफर करता है. पोस्टग्रेजुएशन लेवल पर इस कोर्स की अवधि केवल 2 वर्ष है.
डॉक्टोरल प्रोग्राम्स
जो उम्मीदवार बायोटेक्नोलॉजी में डॉक्टोरल डिग्री हासिल करना चाहते हैं, वे अपनी पोस्टग्रेजुएशन पूरी करने के बाद पीएचडी कोर्सेज के लिए अप्लाई कर सकते हैं. पीएचडी कोर्सेज की अवधि आमतौर पर 3 से 4 वर्ष की होती है जो थीसिस पूरी करने के लिए शामिल रिसर्च वर्क पर निर्भर करती है. पीएचडी फुल टाइम और पार्ट टाइम तरीके से की जा सकती है.
बायोटेक्नोलॉजी के तहत सब-स्पेशलाइजेशन कोर्सेज
जब कोई छात्र बायोटेक्नोलॉजी प्रोग्राम करना चाहता है तो वह निम्नलिखित में से कोई एक स्पेशलाइजेशन कोर्स चुन सकता है. ये स्पेशलाइजेशन्स अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट लेवल पर किये जा सकते हैं लेकिन, हरेक इंस्टिट्यूट अपने छात्रों को निम्नलिखित सभी स्पेशलाइजेशन्स ऑफर नहीं करते हैं. अगर आप किसी विशेष डोमेन में अपना करियर शुरू करना चाहते हैं तो किसी इंस्टिट्यूट में एडमिशन लेने से पहले इस इंस्टिट्यूट के प्रोग्राम ब्रोशर में उस इंस्टिट्यूट द्वारा ऑफर किये जा रहे स्पेशलाइजेशन कोर्सेज के नाम चेक कर लें.
जेनेटिक्स
जेनेटिक्स और सेल बायोलॉजी से संबद्ध वैज्ञानिक खोज में रूचि रखने वाले छात्र यह कोर्स चुन सकते हैं. उन्हें विभिन्न मेडिकल डायग्नोस्टिक्स, थेरेपीज और थेरापियूटिक्स के बारे में सिखाया जायेगा. उदाहरण के लिए: ह्यूमन जीनोम की सिक्वेंसिंग पर प्रोजेक्ट्स.
वायरोलोजी
यह विषय आमतौर पर बायोटेक्नोलॉजी के चौथे सेमेस्टर में पढ़ाया जाता है. वायरोलोजी की स्टडी से आपको मॉलिक्यूलर वायरोलोजी के फंडामेंटल्स और वास्तविक दुनिया में इसके एप्लीकेशन्स को समझने में सहायता मिलती है.
इम्युनोलॉजी
यह कोर्स ह्यूमन इम्यून सिस्टम के काम करने के तरीके और समझने में मदद करता है ताकि हमें यह पता चल सके कि टेक्नोलॉजी कैसे इम्यून सिस्टम को कमजोर होने से बचाने में मनुष्यों की मदद कर सकती है.
बायो-स्टेटिस्टिक्स
बायो-स्टेटिस्टिक्स बायोटेक्नोलॉजी की वह फील्ड है जिस के जरिये कोई भी व्यक्ति रिसर्चर्स द्वारा किये जाने वाले विभिन्न एक्सपेरिमेंट्स में मैथमेटिक्स और स्टेटिस्टिक्स के कॉन्सेप्ट्स अप्लाई कर सकता है. इस जानकारी का इस्तेमाल करते हुए, बायो-स्टेटिस्टीशियन डाटा कलेक्ट, डिसेक्ट और समराइज़ कर सकते हैं और फिर, ठोस जानकारी पेश कर सकते हैं.
फार्माकोलॉजी
फार्माकोलॉजी पढ़ने वाले छात्र कम लागत पर ड्रग्स तैयार करने के तरीके और मनुष्यों तथा जानवरों के टिश्यू एवं सेल फंक्शन पर इन ड्रग्स के प्रभाव का मुल्यांकन करना सीखते हैं.
मॉलिक्यूलर बायोलॉजी
यह स्पेशलाइजेशन ह्यूमन और एनिमल हेल्थ, एग्रीकल्चर और एनवायरनमेंट जैसे क्षेत्रों में न्यूक्लिक एसिड्स और प्रोटीन्स के एप्लीकेशन्स के लिए इनकी बारीकियों को समझने में मदद करता है. इस कोर्स को पढ़ने वाले छात्र ह्यूमन और एनिमल हेल्थ कायम रखने के लिए ड्रग्स, थेरेपीज और डायग्नोस्टिक टेस्ट्स तैयार करने के लिए अपने ज्ञान का इस्तेमाल कर सकते हैं.
एनिमल हसबेंड्री
बायोटेक्नोलॉजी लाइवस्टॉक ब्रीडिंग के लिए एक आश्चर्यजनक वरदान बन चुकी है. बायोटेक्नोलॉजी की यह ब्रांच पृथ्वी पर जीवजंतुओं की हेल्थ और कल्याण के लिए छात्रों को एम्ब्रॉय ट्रांसफर, आर्टिफीशल इनसेमिनेशन, क्लोनिंग और अन्य कई कंसेप्ट्स की जानकारी प्राप्त करने में मदद करती है.
ये कुछ ऐसे स्पेशलाइजेशन कोर्सेज थे जो बायोटेक्नोलॉजी करने वाले छात्र अक्सर चुनते हैं. कुछ अन्य स्पेशलाइजेशन्स भी हैं जो आजकल लोकप्रिय हो रहे हैं.
बायोटेक्नोलॉजी के कोर्सेज में कैसे लें एडमिशन?
किसी भी शानदार करियर की शुरुआत करने के लिए एडमिशन प्रोसेस बहुत चुनौतीपूर्ण लेकिन महत्वपूर्ण कदम होती है. जब कोई छात्र किसी कॉलेज में एक विशेष कोर्स में एडमिशन लेना चाहता है तो उसके लिए विभिन्न स्टेप्स को क्रम से फ़ॉलो करना जरुरी होता है. इस पूरी प्रक्रिया में, पहला कदम किसी खास कोर्स के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को समझना है. जब आपको एक बार एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया का पता चल जाता है तो आप उस कोर्स के लिए अप्लाई करना चाहते हैं तो इस प्रक्रिया का अगला कदम है वांछित कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए निर्धारित एग्जाम्स के बारे में पता करना.
सबसे पहले, हम विभिन्न स्तरों पर बायोटेक्नोलॉजिकल कोर्सेज के लिए आवश्यक एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के बारे में जानकारी हासिल करते हैं:
बायोटेक में एडमिशन लेने के लिए विभिन्न लेवल्स पर एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
किसी भी छात्र को बायोटेक्नोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए एलिजिबिलिटी के बारे में अवश्य पता होना चाहिए. अगर कोई कैंडिडेट एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा नहीं करता/ करती है तो उसे कॉलेज में एडमिशन नहीं मिलेगा. इस संबंध में इंस्टिट्यूट्स और एग्जाम लेने वाले संस्थानों ने कुछ गाइडलाइन्स जारी की हैं. बायोटेक करने के इच्छुक उम्मीदवारों को भारत के किसी बेहतरीन बायोटेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट में सीट प्राप्त करने के लिए अवश्य इस संदर्भ में पूरी जानकारी होनी चाहिए.
डिप्लोमा
जिन छात्रों ने मैथमेटिक्स और साइंस सब्जेक्ट के साथ 10 वीं क्लास पास कर ली है, वे बायोटेक्नोलॉजी में डिप्लोमा कोर्स करने के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
ग्रेजुएशन
अंडरग्रेजुएट कोर्स में अप्लाई करने के लिए, छात्र ने फिजिक्स, मैथ्स, बायोलॉजी और केमिस्ट्री के साथ 12 वीं क्लास अवश्य पास की हो. जिन छात्रों ने 10वीं क्लास पास करने के बाद डिप्लोमा प्राप्त किया है, वे भी अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन ले ले सकते हैं. 12 वीं क्लास पास करने वाले छात्रों की बजाय डिप्लोमा प्राप्त करने वाले छात्रों को ज्यादा महत्व दिया जाता है. डिप्लोमा होल्डर्स को बायोटेक्नोलॉजी के 2 वर्ष के बीटेक/ बीई कोर्स में सीधी एंट्री दी जायेगी.
पोस्टग्रेजुएशन
बायोटेक्नोलॉजी में एमटेक करने के लिए अप्लाई करने वाले छात्रों के लिए कम से कम 50% मार्क्स के साथ ग्रेजुएशन या उसके समान योग्यता प्राप्त करना बहुत जरुरी है. रिजर्वेशन कोटा और इंस्टिट्यूट की एडमिशन पॉलिसी के अनुसार हरेक इंस्टिट्यूट की रिक्वायर्ड परसेंटेज अलग-अलग हो सकती है.
डॉक्टोरल प्रोग्राम्स
बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर डिग्री किसी डॉक्टोरल प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए बहुत जरुरी होती है. कुछ यूनिवर्सिटीज अपने यहां पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन देने के लिए मास्टर इन फिलोसोफी (एमफिल) के बारे में भी पूछ सकती हैं.
बायोटेक्नोलॉजी में कोर्सेज करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम्स
अंडरग्रेजुएट लेवल पर, बीटेक कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए, जेईई मेन्स और जेईई एडवांस्ड एग्जाम्स सबसे ज्यादा प्रसिद्ध एंट्रेंस एग्जाम्स हैं. जो लोग उच्च शिक्षा अर्थात पोस्ट-ग्रेजुएट लेवल में एडमिशन लेने की तैयारी कर रहे हैं, अक्सर गेट और आईआईटी जेएएम जैसे एंट्रेंस एग्जाम्स की तैयारी करते हैं. आईआईटीज और भारत के अन्य बढ़िया इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए, छात्र इन एग्जाम्स के डिफिकल्टी लेवल को देखते हुए इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम्स के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं.
डिप्लोमा कोर्सेज के लिए:
आमतौर पर इंस्टिट्यूट्स स्टेट लेवल के इंजीनियरिंग डिप्लोमा एंट्रेंस एग्जाम्स के आधार पर ‘बायोटेक्नोलॉजी में डिप्लोमा’ के लिए स्टूडेंट्स को शॉर्टलिस्ट करते हैं. कुछ पॉपुलर इंजीनियरिंग डिप्लोमा एंट्रेंस एग्जाम्स हैं:
अंडरग्रेजुएट कोर्सेज के लिए:
नेशनल लेवल के एग्जाम्स:
स्टेट लेवल के एग्जाम्स:
यूनिवर्सिटी लेवल के एग्जाम्स
पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज के लिए:
नेशनल लेवल के एग्जाम्स:
स्टेट लेवल के एग्जाम्स:
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च ग्रेजुएट स्कूल द्वारा बायोलॉजी और इंटरडिसिप्लिनरी बायोलॉजी के लिए आयोजित ज्वाइंट ग्रेजुएट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेजीईईबीआईएलएस)
यूनिवर्सिटी लेवल के एग्जाम्स
बायोटेक्नोलॉजी क्या है?
बायोटेक्नोलॉजी को आमतौर पर ‘बायोटेक’ के नाम से जाना जाता है और यह इंजीनियरिंग करने के इच्छुक उम्मीदवारों के बीच सबसे ज्यादा पसंदीदा कोर्सेज में से एक कोर्स है. बायोटेक्नोलॉजी साइंस की वह ब्रांच है जिसमें बायोलॉजी और टेक्नोलॉजी के आश्चर्यजनक मेल से रॉ मेटीरियल्स को आश्चर्यजनक इनोवेशन्स, डिस्कवरीज और प्रोडक्ट्स में बदला जाता है. वर्ष 1919 में, हंगरी के एग्रीकल्चरल इंजीनियर कार्ल एरेक्य ने सबसे पहले बायोटेक्नोलॉजी शब्द का इस्तेमाल किया. चाहे वह बैक्टीरिया, यीस्ट या एंजाइम्स जैसे बायोलॉजिकल पदार्थ हों, बायोटेक की जानकारी प्राप्त करने के बाद, आप इंडस्ट्रियल या मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेसेज से संबद्ध कार्य करने के लिए हरेक माइक्रोऑर्गानिज्म को इस्तेमाल कर सकेंगे.
एक बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियर क्या करता है?
एक प्रसिद्ध कहावत है कि, “विनर्स अलग काम नहीं करते हैं, वे कामों को अलग तरीके से करते हैं.” यह कहावत एक बायोटेक्नोलॉजिस्ट/ बायोटेक इंजीनियर पर खरी उतरती है. बायोटेक्नोलॉजी कामों को अलग तरीके से करने के लिए विभिन्न पहलू तलाश करने से संबद्ध है ताकि इस दुनिया में परिवर्तन लाया जा सके. एक बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियर ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन लेवल पर किये गए स्पेशलाइजेशन और अपनी रूचि के अनुसार विभिन्न फ़ील्ड्स जैसेकि, एनिमल हसबेंड्री, एग्रीकल्चर, मेडिसिन, जेनेटिक इंजीनियरिंग, एनवायरनमेंट कन्जर्वेशन, हेल्थकेयर और रिसर्च एंड डेवलपमेंट से जुड़े कार्य करता/ करती है.
भारत में टॉप 10 बायोटेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट्स
बायोटेक्नोलॉजी एक महत्वपूर्ण कोर्स है जो भारत में विभिन्न इंस्टिट्यूट्स ऑफर करते हैं. उनमें से यूजीसी द्वारा मान्यताप्राप्त टॉप 10 बायोटेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट्स के नाम निम्नलिखित हैं जिन्हें वर्ष 2018 के लिए एनआईआरएफ रैंकिंग में भी प्रमुख स्थान देने के साथ इन इंस्टिट्यूट्स की काफी तारीफ की गई है:
क्रम संख्या |
इंस्टिट्यूट |
लोकेशन |
1 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
मद्रास |
2 |
डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोसाइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग (बीएसबीई), आईआईटी |
बॉम्बे |
3 |
डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
नई दिल्ली |
4 |
डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
खड़गपुर |
5 |
डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोलॉजिकल साइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग, आईआईटी |
कानपुर |
6 |
डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी, आईआईटी |
रूड़की |
7 |
डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी, आईआईटी |
गुवाहाटी |
8 |
सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी, अन्ना यूनिवर्सिटी |
चेन्नई |
9 |
डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी, आईआईटी |
हैदराबाद |
10 |
इंस्टिट्यूट ऑफ़ केमिकल टेक्नोलॉजी |
मुंबई |
उक्त बायोटेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट्स का चयन बेहतरीन प्लेसमेंट रिकॉर्ड, स्टेट ऑफ़ दी आर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, हाइली क्वालिफाइड फैकल्टी और उनके द्वारा अपनाई जा रही सख्त एडमिशन प्रोसेस के आधार पर किया गया है. हमें आशा है कि उक्त लिस्ट आपके शानदार करियर के लिए, आपको बढ़िया बायोटेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट चुनने में मदद करेगी.
बायोटेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स के लिए करियर ऑप्शन्स
बायोटेक्नोलॉजी की फील्ड का विकास बड़ी तेज़ रफ्तार से हो रहा है और बायोटेक्नोलॉजी में डिप्लोमा/ बीटेक/ एमटेक या डॉक्टोरल डिग्री करने वाले छात्रों के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है. चाहे वह कोई प्राइवेट सेक्टर हो या कोई गवर्नमेंट जॉब, बायोटेक कैंडिडेट्स को विभिन्न कंपनियों में बेहतरीन जॉब प्रोफाइल्स मिल सकते हैं. बायोटेक कैंडिडेट्स को आमतौर पर ऑफर किये जाने वाले कुछ प्रसिद्ध जॉब प्रोफाइल्स की लिस्ट नीचे दी जा रही है:
जॉब प्रोफाइल्स
डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद उपलब्ध जॉब प्रोफाइल्स
भारत में विभिन्न पॉलिटेक्निक्स बायोटेक्नोलॉजी में डिप्लोमा करने वाले फ्रेशर्स को कोर्स पूरा होने के बाद निम्नलिखित जॉब ऑफर मिलते हैं:
बीटेक करने के बाद उपलब्ध जॉब प्रोफाइल्स
बायोटेक्नोलॉजी में बीटेक करने वाले छात्रों को आमतौर पर इंडियन और मल्टीनेशनल फर्म्स द्वारा निम्नलिखित जॉब ऑफर्स मिलते हैं:
एमटेक करने के बाद उपलब्ध जॉब प्रोफाइल्स
बायोटेक्नोलॉजी में एमटेक करने वाले छात्रों को उनके शानदार करियर के लिए बहुत बढ़िया और रिवॉर्डिंग जॉब प्रोफाइल्स में काम करने के अवसर मिलते हैं:
पीएचडी करने के बाद उपलब्ध जॉब प्रोफाइल्स
डॉक्टोरल डिग्री की पढ़ाई करना काफी मुश्किल काम है. लेकिन, एक बार पीएचडी या डॉक्टोरल डिग्री प्राप्त कर लेने के बाद आपको इंडस्ट्री में लीडिंग रोल्स ऑफर किये जाते हैं. कुछ विशेष जॉब रोल्स निम्नलिखित हैं:
सौंदर्या राय May 06 2023 0 62814
सौंदर्या राय March 09 2023 0 72869
सौंदर्या राय March 03 2023 0 71001
admin January 04 2023 0 69942
सौंदर्या राय December 27 2022 0 57993
सौंदर्या राय December 08 2022 0 48895
आयशा खातून December 05 2022 0 103008
लेख विभाग November 15 2022 0 72373
श्वेता सिंह November 10 2022 0 77313
श्वेता सिंह November 07 2022 0 69254
लेख विभाग October 23 2022 0 56477
लेख विभाग October 24 2022 0 54920
लेख विभाग October 22 2022 0 63750
श्वेता सिंह October 15 2022 0 68472
श्वेता सिंह October 16 2022 0 67475
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