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ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के मुताबिक ऑनलाइन फार्मेसी गैरकानूनी है: एआईओसीडी

दवा के थोक एवं फुटकर विक्रेताओं की एक बैठक निरालानगर स्थित एक होटल में सम्पन्न हुई। दवा व्यापार में आ रही कठिनाइयों और ऑनलाइन फार्मेसी को लेकर बैठक में विस्तृत चर्चा की गई।

रंजीव ठाकुर
September 16 2022 Updated: September 16 2022 16:51
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ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के मुताबिक ऑनलाइन फार्मेसी गैरकानूनी है: एआईओसीडी दवा के थोक एवं फुटकर विक्रेताओं की बैठक

लखनऊ। दवा के थोक एवं फुटकर विक्रेताओं की एक बैठक निरालानगर स्थित एक होटल में सम्पन्न हुई। दवा व्यापार में आ रही कठिनाइयों और ऑनलाइन फार्मेसी को लेकर बैठक में विस्तृत चर्चा की गई।

 

दवा विक्रेता समिति (dawa vikreta samiti), लखनऊ के बैनर तले आयोजित बैठक में अखिल भारतीय संस्था एआईओसीडी (AIOCD) के राष्ट्रीय महामंत्री राजीव सिंघल, ऑर्गेनाइजेशन आफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (Chemists and Druggists) उत्तर प्रदेश (OCD UP) ओसीडी यूपी के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर सिंह एवं महामंत्री सुधीर अग्रवाल मौजूद रहे।

 

बैठक में दवा व्यापारियों (Drug Dealers) को रोजाना आ रही कठिनाइयों, ऑनलाइन फार्मेसी (online pharmacy),  खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा (FSDA) जारी नोटिफिकेशन, नारकोटिक्स (narcotics) एवं साइक्रोटोपिक दवाओं (psychotropic drugs) के स्टाक को नियंत्रित करने का आदेश, कोडीन सिरप (codeine syrup) नींद एवं डिप्रेशन की दवाओं (depression drugs) की खरीद और बिक्री को नियंत्रित करने जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।

 

एआईओसीडी महामंत्री राजीव सिंघल ने कहा कि हम व्यापक जनहित में ऑनलाइन फार्मेसी के माध्यम से दवाओं की बिक्री को नियमित करने के सरकार के कदम का कड़ा विरोध करते हैं जो ‘ई-फार्मेसी’ (e-pharmacy) है। उन्होंने दावा किया कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट (Drugs and Cosmetics Act) 1940 के तहत ऑनलाइन फार्मेसी के माध्यम से इंटरनेट पर दवाएं बेचना गैरकानूनी है। इंटरनेट के माध्यम से आसानी से नशीले पदार्थों की उपलब्धता और दवाओं के गलत उपयोग (misuse of drugs) से युवाओं में नशे की लत (drug addiction) का खतरा बढ़ गया है।

 

विकसित देशों में दवाएं ऑनलाइन बेची जाती हैं, लेकिन भारत में इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो सकती। वर्तमान में, ऑनलाइन फार्मेसी का कारोबार अवैध रूप से (online pharmacy illegall) चल रहा है और अधिकारी हमारे द्वारा की गई शिकायतों के लिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

 

उन्होंने आगे दावा किया कि इंटरनेट ऑनलाइन फ़ार्मेसी पर्चे और रोगियों की प्रामाणिकता की पुष्टि किए बिना आई-पिल (i-pill), एंटी-डिप्रेशन, कोडीन कफ सिरप सहित सभी उत्पादों की आपूर्ति कर रही हैं।

 

ई-फार्मेसी के नाम पर ये ऑनलाइन कंपनियां उन दवाओं को भी बेच रही हैं, जिनकी अनुमति नहीं है। देश में अनेक बड़े विदेशी और देशी कार्पाेरेट कंपनियां ऑनलाइन फ़ार्मेसी से दवाओं की आपूर्ति करने के दौरान ड्रग एवं कास्मैटिक क़ानून (drug and cosmetic law) की लगातार अवहेलना कर रही हैं।

 

दवा विक्रेता समिति, लखनऊ के अध्यक्ष प्रदीप जैन एवं महामंत्री ओपी सिंह ने कहा कि दवा व्यापारियों का किसी भी सूरत में उत्पीड़न (drug traders harassment) नहीं होने दिया जाएगा व दवा व्यापारियों की सभी समस्याओं का, प्रदेश संगठन से लेकर खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन के अधिकारियों तक से मिलकर सभी समस्याओं का समाधान कराया जाएगा।

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