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लोहिया संस्थान में हुआ शिशु का इंडोस्कोपी से सफल इलाज

अचलासिया कार्डिया में जन्म से ही भोजन नली का निचला सिरा ठीक से नहीं बनता है, जिससे बच्चा पेट में खाना निगल नहीं पाता है और जो कुछ भी खाता है उसे उल्टी कर देता है। यह एक दुर्लभ जन्मजात विकार है जो 100,000 बच्चों में से किसी 1 में देखा जाता है।

हुज़ैफ़ा अबरार
December 02 2022 Updated: December 03 2022 23:50
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लोहिया संस्थान में हुआ शिशु का इंडोस्कोपी से सफल इलाज प्रतीकात्मक चित्र

लखनऊ। मात्र 12 महीने की उम्र और 6 किलो वजन के एक शिशु, अचलासिया कार्डिया से पीड़ित, का लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एंडोस्कोपी द्वारा सफलतापूर्वक इलाज किया गया।

अचलासिया कार्डिया (achalasia cardia) में जन्म से ही भोजन नली का निचला सिरा ठीक से नहीं बनता है, जिससे बच्चा पेट में खाना निगल नहीं पाता है और जो कुछ भी खाता है उसे उल्टी कर देता है। यह एक दुर्लभ जन्मजात विकार है जो 100,000 बच्चों में से किसी 1 में देखा जाता है। एंडोस्कोपिक उपचार (Endoscopic treatment) से इस बच्चे को सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ी और अब उसने  मुंह से दूध पिना शुरू कर दिया है। पीयूष उपाध्याय, पीडियाट्रिक्स हेपेटोलॉजिस्ट और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (Pediatrics Hepatologist & Gastroenterologist), आरएमएलआईएमएस द्वारा पिछले 1 सप्ताह के भीतर इस तरह का यह दूसरा मामला है।

आरएमएलआईएमएस (RMLIMS) की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि आरएमएलआईएमएस में बच्चों में इस तरह की लीवर (liver) और गैस्ट्रो (gastro) की कई समस्याओं का उच्च स्तर का इलाज शुरू हो गया है, जो पहले देश के कुछ ही केंद्रों में उपलब्ध था।

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