नयी दिल्ली। देश के 18 नए आखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIMS) में करीब 44 प्रतिशत फैकल्टी पद खाली हैं। एम्स राजकोट में 183 पद मंजूर हैं लेकिन इनमें से महज 40 पद ही भरे जा सके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते साल लोकसभा में यह जानकारी दी थी। वहीं अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) देशभर के एम्स में केंद्रीय स्तर पर नियुक्तियां (Central Recruitment) करने पर विचार कर रहा है।
एम्स में केंद्र सरकार (Central government) द्वारा कर्मचारियों की नियुक्ति की संभावनाओं पर विचार के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (Prime Minister's Health Protection Scheme) के अतिरिक्त सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) के अधिकारी, नई दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक शामिल हैं।
जहां ये नियुक्तियां शैक्षिक (appointments educational) और गैर शैक्षिक दोनों स्तरों पर होंगी। दरअसल देश में नए खुले एम्स में कर्मचारियों की कमी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। यही वजह है कि केंद्र सरकार खुद इन संस्थानों में नियुक्तियां करने की संभावनाओं पर विचार कर रही है। अभी एम्स संस्थान (AIIMS Institute) खुद अपने स्तर पर ही कर्मचारियों की नियुक्तियां करते हैं।
बता दें कि बीती 8 जनवरी को एम्स भुवनेश्वर में सेंट्रल इंस्टीट्यूट बॉडी (CIB) की बैठक हुई थी, जिसमें विभिन्न एम्स में फैकल्टी और अन्य कर्मचारियों की तेजी से नियुक्ति करने पर मंथन हुआ। इसी बैठक में एम्स संस्थानों में केंद्रीय स्तर पर कर्मचारियों की नियुक्ति करने पर विचार किया गया। 28 फरवरी को इस संबंध में एक कमेटी का गठन (committee formation) किया गया था।
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