नयी दिल्ली। दुनियाभार में कोरोना वायरस (corona virus) ने कोहराम मचाया था। तबाही मचाने वाला कोरोना वायरस चीन से ही पूरी दुनिया में फैला था। दावा किया जाता है कि चीन के वुहान लैब (Wuhan Lab) में कोरोना को बनाया गया था। जहां से यह जानलेवा वायरस पूरी दुनिया में फैला। 3 साल बाद अब द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चीनी अधिकारियों को वैज्ञानिक अनुसंधान (scientific research) रोकने के लिए फटकार लगाई, जिससे कोविड-19 के पैदा होने के बारे में पता चल सकता था।
डब्लूएचओ (WHO) के डायरेक्टर डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा कि चीन को तीन साल पहले गायब किए गए सबूत को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय (International community) के साथ शेयर करना चाहिए, क्योंकि ये हमारे लिए बहुत जरूरी है। ये तब और भी जरूरी हो गई, जब विशेषज्ञ टीम (expert team) को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।
स्टडी से ये बात पता चलती है कि कोरोना संक्रमण (corona infection) फैलाने के पीछे लोमड़ी जैसे दिखने वाले रेकून कुत्ते के डीएनए मेल खाता है। इसी बीच नए कोरोनोवायरस के कुछ और सबूत वुहान बाजार से मिलें है, जो कुछ और तरह के जानवरों से जोड़कर देखा जा रहा है। इसे और भी लोग संक्रमित हो गए।
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