वाशिंगटन। अमेरिका के वरिष्ठ संक्रामक रोग विशेषज्ञ और सरकार के कोविड सलाहकार डॉ. एंथनी फॉसी ने बताया है कि डेल्टा वैरिएंट से भी घातक वैरिएंट आ सकता है।
डॉ. एंथनी फॉसी ने चेतावनी दी है कि आने वाला नया वैरिएंट सभी टीकों को भी धोखा दे सकता है। समय रहते सभी को टीका नहीं लगा तो हमें महामारी के एक और भयावह रूप को देखने के लिए तैयार रहना होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का डेल्टा रूप दुनिया के अधिकतर देशों को चपेट में ले चुका है। वायरस अब अपना जीवन बचाने के लिए रूप जरूर बदलेगा। डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले भी कई देशों में सामने आए हैं।
डॉ. फॉसी ने कहा, अभी वायरस के फैलने की मुख्य वजह कम टीकाकरण है। कम टीका लगने का मतलब है कि वायरस के पास खुद में म्यूटेशन करने का पूरा मौका है। संभव है कि सर्दियों में वो एक घातक रूप के साथ दस्तक दे।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 73470
सौंदर्या राय March 09 2023 0 78641
सौंदर्या राय March 03 2023 0 76662
admin January 04 2023 0 76491
सौंदर्या राय December 27 2022 0 67539
सौंदर्या राय December 08 2022 0 56887
आयशा खातून December 05 2022 0 108336
लेख विभाग November 15 2022 0 80587
श्वेता सिंह November 10 2022 0 85749
श्वेता सिंह November 07 2022 0 78578
लेख विभाग October 23 2022 0 63692
लेख विभाग October 24 2022 0 64799
लेख विभाग October 22 2022 0 71409
श्वेता सिंह October 15 2022 0 78129
श्वेता सिंह October 16 2022 0 73802
अपने ब्रशेस और स्पंज को एक साबुन और पानी से धो लें और रातभर के लिए सूखने दें। उनके ऊपर बैक्टीरिया और
किडनी खराब होने पर मरीज डायलिसिस के जरिए 4-5 सालों तक जीवित रह सकता है जबकि ट्रांसप्लांट के बाद जीवन
अन्य विषधर सर्पों के विष की तरह कोबरा सर्प विष भी प्रकृति में तंत्रिकातन्त्र पर विषाक्त प्रभावकारी
देश में सर्वाधिक 3.61 करोड़ नि:शुल्क वैक्सीन का लाभ देकर प्रदेश सरकार ने बनाया रिकॉर्ड। कोरोना काल म
वैक्सीन दुष्प्रभाव रिपोर्टिंग सेंटर में दर्ज़ रिपोर्ट कर मुताबिक इस रविवार तक टीका लगवाने के बाद उभरे
जिला अस्पताल रायबरेली में स्थित जन औषधि केंद्र में जेनेरिक दवाओं के अलावा मेडिकल स्टोर में बिकने वाल
इण्डियन मेडिकल एसोशिएशन द्वारा आईएमए भवन में स्टेट लेवल रिफ्रेशर कोर्स और सीएमई का आयोजन किया गया। स
एमसीसी ने अपने नोटिस में कहा, ''मेडिकल काउंसलिंग कमेटी को नई सीटों के बारे में निम्नलिखित संस्थानों
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (आईसीएमआर)-राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) भारत में लॉकडाउन से पहले
कोर्ट के समक्ष जिस मामले का उल्लेख किया गया था वह एक रिट याचिका थी। इसमें नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन
COMMENTS