वर्तमान समय में बच्चा पैदा होने से रोकने की सारी जिम्मेदारी महिलाओं पर डाल दी जाती है। इसके लिए बर्थ कण्ट्रोल पिल्स (birth control pills), इंट्रा यूटेराइन डिवाइस (intra uterine device), बर्थ कण्ट्रोल इंजेक्शन (birth control injection), स्पेर्मिसिडाल कैप्सूल (spermicidal capsule) सहित तमाम उपाय मौजूद हैं। पुरुष के लिए कंडोम के अलावा कोई भी विकल्प मौजूद नहीं है।
शोधकर्ता (Researchers) पुरुषों के लिए "आवर बिफोर" गोली लाने पर काम कर रहें हैं। जिससे महिलाओं पर एक तरफ़ा दबाव काम किया जा सके। एक नई दवा का परीक्षण किया जा रहा है जो चूहों को एक घंटे के अंदर बांझ बना देती है और 24 घंटों से भी कम में पहले जैसा कर देती है।
नेचर कम्युनिकेशन्स (Nature Communications) पत्रिका में छपे अध्ययन की मुख्य लेखिका मेलनी बैलबाक बताती हैं कि इस समय गर्भ निरोध (contraception) का सारा बोझ महिलाओं पर है। अमेरिका के वाइल कोर्नेल मेडिसिन केंद्र (Weill Cornell Medicine Center) में फार्माकोलॉजी (pharmacology) पर शोध कर रहीं वे कहती हैं कि हमें नए विकल्प चाहिए।
शोध के सह-लेखक जोशेन बक के मुताबिक शोधकर्ताओं की टीम ने सॉल्युबल एडिनायलाइल साइक्लेस (adenylyl cyclase) नाम के एक एंजाइम पर काम कर रही है जो शुक्राणुओं के लिए एक "ऑन स्विच" की तरह काम करता है। बक भी वाइल कोर्नेल मेडिसिन केंद्र से ही जुड़े हुए हैं।
उन्होंने बताया कि अगर इस एंजाइम को स्विच ऑफ कर दिया जाए तो शुक्राणु आगे नहीं बढ़ सकता है। कई परीक्षण कर शोधकर्ताओं ने दिखाया कि इस एंजाइम को ब्लॉक करने वाला एक कंपाउंड चूहों के शुक्राओं (sperm) को तीस मिनट से एक घंटे के अंदर गतिहीन कर देता है।
अध्ययन के मुताबिक यह कंपाउंड शुरू के दो घंटों के अंदर गर्भधारण रोकने में 100 प्रतिशत प्रभावशाली रहा। उसके बाद इसका प्रभाव गिर कर पहले तीन घंटों में 91 प्रतिशत पर पहुंच गया। 24 घंटों के बाद शुक्राणु सामान्य हो कर फिर से तैरने लगे।
बक ने बताया कि शोधकर्ताओं का लक्ष्य एक ऐसी नॉन-हार्मोनल गोली (non-hormonal pill) बनाने का है जो एक घंटे के अंदर काम करना शुरू कर दे और उसका असर छह से 12 घंटों तक रहे। यह इस समय बन रहे दूसरे विकल्पों से काफी अलग होगी क्योंकि उन सब का असर हफ्तों या महीनों बाद शुरू होता है और खत्म होने में भी उतना ही समय लेता है।
इन विकल्पों में एक हार्मोनल जेल भी शामिल है जिस पर अभी मानव ट्रायल चल रहे हैं। नए ट्रायल में पाया गया कि चूहों पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हुए। इससे पहले हुए शोध में पाया गया था कि जिन बांझ पुरुषों (infertile men) में इस एंजाइम को हमेशा के लिए स्विच ऑफ कर दिया गया था उनमें गुर्दों की पथरी होने की दर बढ़ गई थी।
बक ने कहा कि यह उनके एंजाइम के हमेशा ही ऑफ रहने का नतीजा था, जो कि यह ऑन डिमांड गोली लेने वाले पुरुषों के साथ नहीं होगा। उन्होंने यह भी बताया कि शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस के मानव ट्रायल तीन सालों के अंदर शुरू हो सकते हैं और दवा संभवतः आठ सालों में तैयार हो सकती है।
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