लखनऊ। प्रजनन उपचार श्रृंखला, इंदिरा आईवीएफ ने लखनऊ में एक नया केंद्र खोलने के साथ ही संतान के इच्छुक माता-पिता की सहायता के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। इस अवसर पर इंदिरा आईवीएफ के संस्थापक और अध्यक्ष, डॉ अजय मुर्दिया, इंदिरा आईवीएफ के सीईओ और सह-संस्थापक और इंदिरा आईवीएफ लखनऊ के चीफ आईवीएफ स्पेशलिस्ट एवं लैप्रोस्कोपिक सर्जन, डॉ पवन यादव से हेल्थ जागरण ने खास बातचीत की।
डॉ पवन यादव, मुख्य आईवीएफ विशेषज्ञ और लेप्रोस्कोपिक सर्जन, इंदिरा आईवीएफ लखनऊ ने कहा, “शुरुआत में जब हमने लखनऊ में कपल्स का इलाज शुरू किया था, तो हमने देखा कि लोग बड़े पैमाने पर इनफर्टिलिटी को लेकर ग्लानि की भावना से भरे थे। कपल्स (Couples) इस उपचार और इसके संभावित परिणामों को लेकर आशंकित थे। हालांकि, अब हम एक लंबा सफर तय कर चुके हैं क्योंकि विभिन्न सफल उपचार के माध्यम से हम हासिल किए जा सकने योग्य परिणामों को दिखाने में सक्षम रहे हैं। जब भी कपल्स परामर्श और परीक्षण के लिए इंदिरा आईवीएफ केंद्र आते हैं, तो हमारे फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट्स न केवल उन्हें कारण बताते हैं बल्कि पूरी उपचार प्रक्रिया के बारे में अच्छी तरह से समझाते भी हैं। इंदिरा आईवीएफ लखनऊ के कर्मचारी अत्यधिक योग्य हैं और संबंधित क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। यह उपचार की मांग करने वाले कपल्स की आशा को पूरा करने और उनके जीवन में उत्साह लाने की हमारी विनम्र आकांक्षा है।"
अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से लैस, इंदिरा आईवीएफ (Indira IVF) अनगिनत कपल्स को इनफर्टिलिटी (infertility) की अक्सर-जटिल समस्या से मुक्ति पाने में मदद करता है और अंततः एक परिवार को पूरी तरह से शुरू करने के उनके सपने को साकार करता है। इसके साथ ही, यह परामर्श भी प्रदान करता है और एग और स्पर्म फ्रीज़िंग (sperm freezing) की सुविधा प्रदान करता है, जो कई युवा पुरुषों और महिलाओं के लिए एक वरदान है जो अपने शुरुआती चालीसवें वर्ष तक परिवार नियोजन में देरी करना चुनते हैं।
स्पर्म या एग बैंकिंग (sperm or egg banking) के सवाल का जवाब देते हुए डॉ पवन यादव ने कहा कि हमारे यहां मिक्सिंग या बदल जाने जैसी चीजें नहीं होती है क्योंकि यहां अलार्म सिस्टम काम करता है।
आईवीएफ तकनीक से जन्में बच्चे सामान्य बच्चे से अलग होते है को मिथ्या धारणा बताते हुए कहा कि इस तकनीक से केवल गर्भाधान करवाया जाता है और बच्चे पारम्परिक रूप से मां के गर्भ में पलते हैं इसलिए ऐसे बच्चों में इम्यूनिटी (immunity), आनुवंशिक रोग (genetic diseases) या पालन पोषण में कोई अंतर नहीं होता बल्कि ये देखा गया है कि आईवीएफ तकनीक से जन्में बच्चे ज्यादा बुद्धिमान होते हैं।
डॉ अजय मुर्दिया ने कहा कि पिछले वर्षों में, इंदिरा आईवीएफ ने तकनीक की बदौलत अपनी श्रेष्ठता स्थापित की है और इंडस्ट्री में शानदार सफलता दर प्रदान किया है।
इस अवसर पर बोलते हुए, इंदिरा आईवीएफ के संस्थापक और अध्यक्ष, डॉ अजय मुर्दिया ने कहा, “हम लखनऊ में अपना केंद्र शुरू करने और इच्छुक कपल्स को उनका परिवार शुरू करने में सहायता प्रदान करने को लेकर प्रसन्न हैं।
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 3885
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 3441
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
British Medical Journal February 25 2025 0 5772
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77244
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82637
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80769
admin January 04 2023 0 81708
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71757
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61438
आयशा खातून December 05 2022 0 113553
लेख विभाग November 15 2022 0 84472
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94962
श्वेता सिंह November 07 2022 0 83018
लेख विभाग October 23 2022 0 68021
लेख विभाग October 24 2022 0 69350
लेख विभाग October 22 2022 0 76182
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82680
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77687
पहले कोविशील्ड की बूस्टर डोज 600 रुपए और कोवैक्सीन की बूस्टर 1200 रुपए प्रति शॉट फिक्स की थी, आज इन
बारिश के बीच तेजी लोग तेजी से त्वचा रोग की चपेट में आ रहे हैं। सिविल अस्पताल में बीते एक सप्ताह में
बादाम को अपने रोजाना के आहार में शामिल कर यूबीबी लाइट से त्वचा की अंदरूनी रूप से रक्षा करने में मदद
कॉलेज में पंजीकृत करीब 1200 छात्रों का भविष्य दांव पर है। फर्जी मान्यता दिखाकर इन छात्रों से चार सा
डा. अजय पाल ने कहा कि टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है। इसकी जांच और इलाज स्वास्थ्य केंद्रों
अस्पताल में मरीजों की भर्ती के लिए वाराणसी में ICCC का संपर्क नंबर 18001805567 है। अस्पताल के हेल्
कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें पलंग पर लेटते ही नींद आ जाती है। लेकिन वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जो घंटो
प्रो. मणींद्र ने गणितीय मॉडल सूत्र के आधार पर ही दूसरी लहर के बाद ही नए म्यूटेंट के आने से तीसरी लहर
कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ-चीन के संयुक्त अध्ययन के पहले हिस्से का मार्च मे
COMMENTS