लखनऊ। शहर के सरकारी में स्क्रब टाइफस (scrub typhus) की जांच की सुविधा ही नहीं है। जबकि स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस साल अब तक 6 मामले सामने आ चुके हैं। जांच नहीं होने से वायरल फीवर (viral fever) मानकर मरीजों का इलाज होता रहता है। स्क्रब टाइफस की जांच की सुविधा केजीएमयू (KGMU), डॉ.राम मनोहर लोहिया संस्थान (RML) और एजीपीजीआई में हैं।
सरकारी अस्पतालों की बता करें तो बुखार के मामले आने पर डेंगू,चिकनगुनिया (Chikungunya), मलेरिया की जांच हो रही है। तीनों की रिपोर्ट निगेटिव आने पर चिकित्सक (Doctor) वायरल फीवर मानकर इलाज करते है। यहीं नहीं स्क्रब टाइफस के केस आने के बाद भी दूसरे बड़े सरकारी संस्थानों (government institutions) में नमूने जांच के लिए नहीं भेजे जाते हैं। बता दें कि सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि जिन मरीजों में स्क्रब टाइफस के लक्षण मिलते है, उनके सैंपल जांच के लिए संस्थानों में भेजे जाते हैं।
स्क्रब टाइफस के लक्षण- Symptoms of Scrub Typhus
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